कोरबा 18 जून। कोरबा-चांपा मार्ग में कोथारी के पास संचालित मां मड़वारानी कोल बेनीफिकेशन लिमिटेड को प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने सील करने की कार्रवाई की है। यह वाशरी कोयला परिवहन घोटाले में गिरफ्तार कोयला कारोबारी राजकुमार अग्रवाल की थी। बाद में उसे घोटाले के मास्टर माइंट सूर्यकांत तिवारी के भाईयों को बेच दिया गया। ईडी की जांच शुरू होने के बाद कोल वाशरी को फिर से अन्य व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया।
कोयला परिवहन की लेव्ही वसूली के मामले की जांच में लगी ईडी ने मां सर्वमंगला कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड की कोल वाशरी को अटैच करने की कार्रवाई की थी। अब तक इसका संचालन संतोष इंडा नामक व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ मिल कर रहा था। यहां बाल्को संयंत्र को मिलने वाला लिकेंज का कोयला रैक से पहुंचता था। यहां से वापस बाल्को को आपूर्ति की जाती थी। शुक्रवार को ईडी ने आगे की कार्रवाई करते हुए कोलवाशरी को सील कर दिया। इसके साथ ही कोयला का कारोबार यहां बंद हो गया है। सुनील अग्रवाल की बिलासपुर में संचालित कोलवाशरी को भी ईडी ने सील करने की कार्रवाई की है।
बताया जा रहा हैं कि मामले में ईडी ने पहले ही कोयला कारोबार से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनकी चल अंचल संपत्ति को अटैच कर लिया था। इसके बाद एक जून को ईडी के दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी से आदेश आने के बाद ईडी ने कोल वाशरी को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की हैं। गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन पर अवैध लेवी के मामले में पिछले एक साल से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इस मामले में आइएएस अफसर, कोल कारोबारी सहित कई लोगों को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही हैं।