कोरबा 31 मई। जिले के कोरबा व कटघोरा वनमंडल के जंगलों में शताधिक हाथी विचरण कर रहे हैं जिससे खतरा बढ़ गया है। वन विभाग ने संभावित खतरे को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है।
जानकारी के अनुसार 33 हाथी कटघोरा वनमंडल के केंदई, पसान व एतमानगर रेंज में है जबकि 82 हाथियों का तीन अलग-अलग दल कोरबा वनमंडल अंतर्गत कुदमुरा, पसरखेत व कोरबा रेंज में अपनी सक्रियता बनाए हुए है। बीती रात 41 हाथियों का दल धरमजयगढ़ से करतला रेंज के ग्राम तरईमार पहुंचा और उत्पात मचाते हुए यहां एक ग्रामीण के धान की खरही को चट कर दिया। वहीं खेतों में लगे फेंसिंग खंभों को भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों का दल यहां काफी देर तक उत्पात मचाता रहा। ग्राम तरईमार में खरही व फेंसिंग खंभों को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का यह दल कुदमुरा रेंज की सरहद पर पहुंच गया और सरहद को पार करने के बाद धोबनीमार जंगल के कक्ष क्रमांक पी.1140 में डेरा जमा दिया। वर्तमान में हाथियों का यह दल यहां विश्राम कर रहा है। बड़ी संख्या में हाथियों की पहुंचने की सूचना मिलने पर कुदमुरा से वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और हाथियों की निगरानी में जुट गया है। वहीं धोबनीमार व आसपास के गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि वे जंगल की ओर न जाएं क्योंकि क्षेत्र में बड़ी संख्या में हाथियों का आगमन हो गया है और वे जंगलों में घूम रहे हैं। उधर कोरबा परिक्षेत्र के दरगा में मौजूद 41 अन्य हाथियों का झुंड एक बार फिर दो झुंडों में विभक्त हो गया है। एक झुंड में जहा 23 हाथी हैं और वह दरगा पहाड़ पर घूम रहे हैं और दूसरे झुंड में हाथियों की संख्या 18 बताई गई है जो पसरखेत व कोरबा रेंज की सीमा पर स्थित छिंदकोना पहुंच गए हैं। हाथियों का यह दल बहरहाल शांत है। हाथियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है।
कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज के सेमरहा में 15, एतमानगर के बंजारी में 12 तथा केंदई के लालपुर डंपिंग एरिया में 6 हाथी अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं। इस तरह जिले के कोरबा व कटघोरा वनमंडल के जंगलों में 100 से अधिक हाथी घूम रहे हैं जिससे खतरा बढ़ गया है। संभावित खतरे को देखते हुए वन विभाग सतर्क हो गया है। उसके अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही है।