कोरबा 18 मई। छत्तीसगढ़ का उर्जा हब कोरबा इन दिनों क्रिकेट में सट्टा का भी हब बन गया है। कोरबा में प्रतिदिन करीब 50 लाख रुपयों का कारोबार होने की चर्चा सुनने में आ रही है। जिले का प्रमुख खाईवाल निहारिका और ट्रांसपोर्ट नगर से सट्टा का संचालन करता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा शहर सहित आसपास के कस्बों और बड़े गांवों तक सट्टा का कारोबार फूल फल रहा है। इस कारोबार में सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं जो महादेव ऐप के साथ-साथ व्हाट्सएप और मोबाइल फोन पर सट्टा का संचालन करते हैं। जिले में हजारों लोग सट्टा का दांव लगाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में सट्टा का सबसे बड़ा खाईवाल बताने वाला व्यक्ति निहारिका क्षेत्र और ट्रांसपोर्ट नगर में बाकायदा ऑफिस चलाता है। इस सट्टा खाईवाल का कनेक्शन सक्ति के एक बड़े खाईवाल से भी बताया जाता है जो बिलासपुर रीजन में करोड़ों रुपयों के सट्टा खिलाने के लिए पहले से ही चर्चित है। बताया जाता है कि कोरबा का खाईवाल एक लिमिट से अधिक दांव लगने पर बड़ी रकम का रिस्क सक्ति के खाईवाल को ट्रांसफर कर देता है।
जानकारी के अनुसार सट्टा के चंगुल में न केवल संपन्न तबके के लोग और उनकी बिगड़ैल औलादे बल्कि नौकरी पेशा और रोजी मजदूरी करने वाले लोग भी बड़ी तादाद में फंसे हुए हैं। कहना ना होगा कि सट्टा खेलने वाले अधिकांश लोग आर्थिक दृष्टि से लगातार कमजोर होते जा रहे हैं जबकि सट्टा खाईवाल दिन-ब-दिन धनाढ्य होता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह शराबखोरी के कारण हजारों परिवार पूर्व में बर्बाद हो चुके हैं और गृह कलह की चपेट में आ चुके हैं उसी तरह सट्टा खेलने वाले हजारों लोगों के परिवार बर्बादी की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं।
जहां तक सट्टा के अवैध कारोबार पर कार्रवाई का सवाल है तो कभी-कभी ही पुलिस के हाथ किसी सटोरिया तक पहुंचते हैं। वह भी छोटे-मोटे सटोरिए ही पकड़े जाते हैं। कोरबा में अभी तक किसी बड़े सटोरिया और खाईवाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन का ध्यान भी इस आर्थिक अपराध की ओर नहीं जा रहा है जिसकी वजह से अनेक हंसते खेलते परिवार बर्बादी के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।