मामले की शिकायत कलेक्टर, एसपी व एसईसीएल के निदेशक कार्मिक से की गई
कोरबा 24 जून। दीपका खदान में ग्राम चैनपुर निवासी जमुना बाई की समाहित जमीन के बदले दूसरा व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इसकी शिकायत जमुना बाई ने करते हुए कहा है कि फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त कर ली गई है। एसईसीएल प्रबंधन जांच के नाम पर टालमटोल कर रही है। वहीं नौकरी कर रहे व्यक्ति व उसके पुत्र द्वारा धमकी दी जा रही है। मामले की शिकायत कलेक्टर, एसपी व एसईसीएल के निदेशक कार्मिक से की गई है।
ग्राम चैनपुर हरदीबाजार की निवासी जमुना बाई पिता स्व ननकी पति स्व जीवन लाल जाति श्रीवास ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि उसके नाम पर ग्राम चैनपुर तहसील हरदीबाजार में पुस्तैनी काश्तकारी जमीन खाता संख्या 560 खसरा नण् 869.7 कुल रकबा 0.25 एकड़ स्थित था। इस जमीन को एसईसीएल दीपका परियोजना द्वारा अधिग्रहण कर लिया। अर्जन के समय बच्चे नाबालिग थे, इसलिए बेटे का नामांकन जमा नहीं किया था। राजस्व विभाग एवं एसईसीएल द्वारा सर्वे के दौरान जानकारी होने पर दो वर्ष से दीपका कार्यालय में जमीन के एवज में बेटे को रोजगार दिलाने के लिए भटक रही हूं, किंतु अधिकारियों द्वारा टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जमीन के एवज में किसी शिवरतन लाल नामक व्यक्ति को नौकरी दी गई है, जो कोरबा क्षेत्र के रजगामार में नौकरी कर रहा है। जमुना ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को रोजगार के लिए नामांकित नहीं किया है और न ही मुझसे सहमति ली गयी। कोई व्यक्ति मेरे जमीन के एवज में कूट रचना कर में फर्जी नौकरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद कोरबा क्षेत्र व रजगामार उपक्षेत्र जांच कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं शिवरतन एवं उसके पुत्र प्रेम कुमार और कुछ अन्य लोगों द्वारा मुझे एवं मेरे बच्चों को धमकी दिया जा रहा है। उन्होंने शिवरतन लाल को नौकरी से बर्खास्त करने के साथ ही पुत्र विजय कुमार को रोजगार दिलाने की मांग की है।
जमुना बाई के पिता ननकी ने अपने तीन पुत्रियों के नाम पर चैनपुर स्थित पुस्तैनी जमीन का बंटवारा कर दिया था। इसमें 25 डिसमिल जमुना बाई हिस्से में आई थी। शादी के बाद वह अपने पति जीवन लाल के साथ अपनी ससुराल लक्षनपुर चांपा में रहने लगी थी। इसकी वजह से दीपका में अर्जित जमीन के बदले रोजगार के लिए आवेदन नही कर सकी। दो वर्ष पूर्व सर्वे के दौरान जानकारी मिलने पर दीपका परियोजना का चक्कर लगा रही थी। कुछ वर्ष पूर्व जमुना बाई के पति जीवनलाल का निधन हो चुका है और वह अपने तीन पुत्रों के साथ किसी तरह से तंगहाली में गुजारा कर रही है।