तिरछी नजर 👀 : रामअवतार तिवारी
ऐसे हुई गिरफ्तारी…
शराब घोटाला केस में ईडी अब तक 4 कारोबारी, और अफसर को दबोच चुकी है। मगर कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मसलन, होटल कारोबारी अनवर ढेबर को ईडी ने समन जारी कर एक मई को पूछताछ के लिए बुलाया। उनके भाई मेयर एजाज ढेबर से तब तक 3 बार पूछताछ हो चुकी थी। बताते हैं कि अनवर ने ईडी के प्रमुख जांच अधिकारी को वकील के जरिए पत्र भेजकर 14 दिन की मोहलत मांगी। उन्होंने बताया कि वो सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लेकर याचिका दायर करने वाले हैं। इसके बाद 2 मई को उन्होंने फिर जांच अधिकारी को पत्र लिखा और बताया कि जांच के कानूनी प्रावधानों के खिलाफ उनकी याचिका स्वीकृत भी हो गई है। बस, फिर क्या था ईडी अफसर अनवर के पीछे पड़ गए। उन्होंने अनवर को ही गिरफ्तार कर लिया। यानी सब कुछ बताकर अनवर फंस गए।
वैसे तो अनवर की गिरफ्तारी वीआईपी रोड स्थित गैंड इम्पीरिया होटल से दिखाई गई है, लेकिन अनवर को फुंडहर रोड पर गिरफ्तार किया गया। वो होटल ही आ रहे थे। अब अनवर की याचिका पर 16 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।
साय के बंगले में मोदी की फोटो!
दिग्गज नेता नंद कुमार साय ने 15 दिन पहले भाजपा छोड़ी है, लेकिन भाजपा के दिवंगत नेता स्व.अटल बिहारी वाजपेयी, राजमाता सिंधिया और प्रमोद महाजन के काम और व्यवहार आज भी मानस पटल पर है। पार्टी बदलने के बावजूद भी उनके बंगले की ड्राईंग रूम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,राष्ट्रपति मुर्मु व अटल जी की कई फोटो लगी है । वो कांग्रेस में आने के बावजूद भी फोटो हटाने की जल्दबाजी में नहीं है। आज के नेता तो पार्टी के साथ फोटो बदलने में समय नहीं लगाते। साय के बंगले से मोदी के फोटो नहीं हटने की खबर शायद प्रदेश के भाजपा नेताओं को लग गयी है इसलिए साय के प्रति नरम रुख है। साय का कहना है कि संविधानिक पदों पर बैठे नेताओं के फोटो को बदलने से कुछ नहीं होगा । अच्छा काम करने की जरुरत है। दरअसल ,साय भाजपा के सिंह लाबी को छत्तीसगढिय़ा विरोधी चेहरा बताकर हमला बोलने की तैयारी में हैं। कांग्रेसी दिग्गज नेता राहुल गांधी, भूपेश बघेल सहित किसी भी कांग्रेसी नेता के फोटो साय के बंगले में नहीं है पर वो उनकी नीतियों और सादगी के कायल हैं।
ईडी का खौफ
छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय एजेंसियों के तेजी से धरपकड़ करने के बाद कई अफसर, ठेकेदार, प्रभावशाली नेता व सप्लायर भूमिगत हो गये है। शराब की सप्लाई में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ईडी ने आबकारी विभाग के एक बड़े अफसर व कई होटल व्यवसायी को अपने घेरे में ले लिया।इससे आबकारी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कई अधिकारी लंबी छुट्टी लेकर गायब हो गये हैं। पीएचई, वन विभाग सहित कई निर्माण विभाग के अधिकारी भी डरे हुए है। कुछ लोग परेशान हैं और कई लोगों के विदेश जाने की भी खबर है।
विस चुनाव में लोकल…
कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटक में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा था और सफलता भी मिली । यही रणनीति अब अब छत्तीसगढ़ में अपनाने की कोशिश होगी। छत्तीसगढ़ इकाई इसकी पैरवी पहले से कर रही है। भाजपा को मोदी और हिन्दुत्व पर ज्यादा भरोसा है । दोनों ही मुद्दे दोनों राज्यों में नहीं चले। अब छत्तीसगढ़ चलेगा या नहीं , इस पर भाजपा के भीतर बहस रही है। दूसरी तरफ,चुनाव परिणाम के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस और आक्रमक तरीके से लोकल मुद्दे उठा सकती है, जिससे भाजपा नेतृत्व अधिक विचलित हैं। भूपेश बघेल ने वैसे भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, रहन-सहन तीज त्यौहार, खान-पान को तवज्जों पिछले साढ़े चार साल से दे रहे हैं। भाजपा नेताओं को सबसे ज्यादा डर छत्तीसगढिय़ावाद और स्थानीय नेतृत्व से है। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व कमजोर हैं । पार्टी नेतृत्व कुछ छत्तीसगढिय़ा नेताओं को आगे रखने की रणनीति कई बार बनी है लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा खारिज कर दिया जाता रहा है। पार्टी हार से सबक लेती है या नहीं, देखना है।
सिंहदेव ने की मन की बात..
प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी शैलजा ने पिछले दिनों सीएम-मंत्रियों से वन-टू वन चर्चा की। पहले मंत्रियों से चर्चा की। बताते हैं कि सबसे ज्यादा करीब डेढ़ घंटे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की। बाकी मंत्रियों ने तो 5-10 मिनट में अपनी उपलब्धियां गिनाकर निकल लिए। बाद में सिंहदेव के साथ शैलजा ने सीएम की मौजूदगी में तमाम विषयों पर चर्चा की। तीनों के बीच क्या बातचीत हुई, यह तो बाहर नहीं आई है। मगर अंदाजा लगाया जा रहा है कि सिंहदेव की सरगुजा से लेेकर अपने विभागों को लेकर कई शिकायतें थी। अब आगे क्या होगा, यह तो कुछ दिन बाद पता चलेगा।
एक सूची और..
कलेक्टरों की एक और तबादला सूची जल्द जारी हो सकती है। न सिर्फ कलेक्टर बल्कि मंत्रालय और संचानालय में अफसरों के प्रभार बदले जाएंगे। ये सब फेरबदल चुनाव को देखकर किया जा रहा है। इसमें मंत्रियों और प्रमुख नेताओं की सिफारिशों को ध्यान में महत्व दिया जाएगा। पुलिस की सूची तैयार है, लेकिन ईडी की कार्रवाई की वजह से अटकी पड़ी है। संभव है कि हफ्ते भर के भीतर सबकुछ जारी हो सकता है।
शराब घोटाला और मीडिया.
भाजपा शराब घोटाले को प्रमुख मुद्दा बनाने जा रही है। बताते हैं कि मीडिया सेल के राष्ट्रीय प्रमुख के के शर्मा और अमित मालवीय खुद इस विषय को देख रहे हैं। ईडी के लोगों के संपर्क में हैं। राष्ट्रीय टीवी चैनलों में प्राइम टाइम में शराब घोटाले पर बहस कराने के लिए प्रेरित किया गया है। अब भूपेश सरकार मीडिया और ईडी के दबाव सामना कैसे करती है, यह देखना है।
तिरछी-नज़र@रामअवतार तिवारी, सम्पर्क-09584111234