कोरबा 24 मई। जिले में आबकारी विभाग के एक से बढ़कर एक कारनामे आए दिन प्रकाश में आ रहे हैं। अबकी बार आबकारी की टीम ने नशीले पदार्थ की बिक्री का माहौल बनाकर अयोध्यापुरी दर्री में दबिश दी और कुछ लोगों सहित एक स्कूली छात्रा को उठा लिया। बाद में माहौल बिगड़ा और जानकारी प्रसारित होने पर उल्टे परिजनों पर दबाव बनाकर कार्यवाही नहीं चाहने की बात लिख पाते हुए छात्रा को लौटा दिया। यह मामला आबकारी विभाग के पास बना हुआ है।
प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त से की गई है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राज कुमार दुबे ने अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी। बताया गया कि मुख्यमंत्री के प्रवास के ठीक 1 दिन पहले 21 मई को आबकारी विभाग के 8 से ज्यादा कर्मचारी अयोध्यापुरी दर्री पहुंचे थे। वहां उन्होंने बस्ती में रहने वाले मंडल परिवार के यहां उपस्थिति दर्ज कराने के साथ माहौल बनाया की यहां पर गांजा की बिक्री की जा रही है। खोजबीन के दौरान कुछ नहीं मिलने पर घर में रखा सामान अस्त-व्यस्त कर दिया गया। अधिकारी से की गई शिकायत में कहा गया कि मंडल परिवार से बड़ी राशि की मांग की गई और इसकी पूर्ति नहीं होने पर घर के कुछ सदस्यों सहित कक्षा 9वी पढऩे वाली नाबालिक को आबकारी टीम अपने साथ ले गई। बाद में जब इसका खुलासा हुआ था यह मसला गले की फांस बन गया। ऐसे में बालिका को लौटाने के लिए जबरिया परिजनों से लिखा गया कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। अब इसी मामले में पूरी कहानी मंडल परिवार की ओर से पुलिस को बताई गई है और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इससे पहले अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई के नाम पर आबकारी विभाग के द्वारा लोगों को धमकाने चमकाने और रुपए वसूलने के कई मामले हो चुके हैं और इसकी शिकायत यहां वहां हुई है। तमाम तरह के आरोप और प्रमाण देने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने से आबकारी टीम के सदस्यों का मनोबल बेहद बढ़ा हुआ है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि छत्तीसगढ़ में ईडी के एक्शन और कई अफसरों के निशाने पर आने के बावजूद कोरबा जिले में हरकतें कम नहीं हो रही है।