कोरबा 09 जून। छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क में पहली बार सांपों और जंगली वन्य प्राणियों के सुगम आवागमन के लिए विशेष किस्म की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इस सड़क मार्ग में जंगली हाथियों की आवाजाही के लिए भी खास प्रावधान रखा गया है। इससे वन क्षेत्र की सड़कों में भारी वाहनों की चपेट में आकर सांपों सहित वन्य जीवों की मौत के मामलों में प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा। भारत माला प्रोजेक्ट कोरबा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी डी पार्लावार ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर से झारखंड के धनवाद तक 627 किलोमीटर लंबा फोरलेन सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में 384 किलोमीटर और झारखंड में 243 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है। इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में विकसित की जा रही इस सड़क में कोरबा जिला के उरगा से जशपुर नगर जिला के पत्थलगांव तक 87.54 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान रखा गया है। भारत माला प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक डीडी पार्लावार ने बताया कि उरगा से पत्थलगांव तक 2261 करोड़ रुपए इस परियोजना में वह किए जाएंगे। मुआवजा की राशि को घटाने के बाद सड़क निर्माण कार्य में 1660 करोड़ का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले ही इस सड़क की ड्राइंग डिजाइन तैयार होकर उनके कार्यालय को प्राप्त हुआ है।
श्री पार्लावार ने बताया कि उरगा से पत्थलगांव के बीच प्रस्तावित 87.54 किलोमीटर लंबी सड़क में 30 फ़ीसदी हिस्सा सघन वनों का शामिल है। सड़क में आ रहे वन क्षेत्र का वन विभाग के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों की संस्था वी द फॉरेस्टर वेलफेयरस सोसायटी जीम वितमेजमतश्े ूमसंितम ेवबपमजल द्ध विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाकर ड्राइंग डिजाइन तैयार कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस सड़क मार्ग में जशपुर नगर जिला का तपकरा क्षेत्र भी शामिल है जिसे नाग लोक के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस मार्ग के सघन वनों में बड़ी संख्या में जंगली हाथी सहित विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी बड़ी संख्या में हैं।
परियोजना निदेशक श्री पार्लावार ने बताया कि केंद्र सरकार ने नई परियोजनाओं की योजना बनाते समय पारिस्थितिकी संतुलन सहित पर्यावरण संरक्षण और मानव सहित सभी प्राणियों की सुरक्षा पर विशेष रुप से ध्यान देने का निर्देश दे रखा है। केंद्र सरकार के निर्देश को ध्यान में रखकर उरगा से पत्थलगांव के बीच सड़क निर्माण कार्य की ड्राइंग डिजाइन बड़ी सावधानी पूर्वक बनाई गई है। इस फोरलेन सड़क की जद में आ रहे 30 फीसदी वन क्षेत्र में सर्पों की आवाजाही के लिए प्रत्येक 500 मीटर में ग्राउंड लेबल पर ह्यूम पाइप से रास्ता बनाया जाएगा। दरअसल इस मार्ग पर आए दिन वाहनों के चक्कों के नीचे आकर सैकड़ों सर्पों की मौत हो जाती है। उनके लिए सड़क के नीचे रास्ता बन जाने से सर्प मृत्यु की घटनाओं में रोक लग सकेगी। इसी तरह इस मार्ग में छोटे-छोटे वन जीवों की भी आये दिन वाहनों की चपेट में आकर मौत हो जाती आई। इस तथ्य को ध्यान में रखकर ह्यूम पाइप के दोनों हिस्सों में छोटे वन्य प्राणियों के लिए भी कम ऊंचाई के 4 फिट लम्बे और 4 फिट चौड़े प्लेटफार्म बनाये जाएंगे।
परियोजना निदेशक श्री पार्लावार ने बताया कि कोरबा रायगढ़ जशपुर जिले के वन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जंगली हाथी भी विचरण करते रहते हैं। सड़क में आने वाली 30 प्रतिशत वन क्षेत्र में ऐसे 12 स्थान चिन्हित किए गए हैं जो जंगली हाथियों द्वारा लगातार आवागमन के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। इन सभी 12 स्थानों पर 12 मीटर ऊंचे अंडर पास बनाए जाएंगे जिनके जरिए जंगली हाथी सड़क को नीचे के हिस्से से आसानी से पार कर सकेंगे। कई अवसरों पर जंगली हाथियों के समूह सड़क पर एकत्र होकर बैठ जाते हैं और लंबे समय तक सड़क की दोनों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। कई बार जंगली हाथी सड़क पर चल रहे राहगीरों पर हमला भी कर देते हैं और वाहनों को क्षति पहुंचा देते हैं। लेकिन उनके मार्ग पर अंडर पास बन जाने के बाद ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकेगी। उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे की इस इकोनामिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ हो जाएगा। रायपुर. धनवाद इकनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है और रायपुर से कोरबा के बीच बड़े हिस्से में कार्य पूर्ण कर लिया गया है।