कोरबा 2 मई। महानदी के जल को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा में काफी समय से विवाद चल रहा है। सेंट्रल वाटर विवाद की न्यायाधिकरण टीम इस मामले के निराकरण में जुटी हुई है। 40 सदस्यों वाली टीम ने सोमवार को बंगो व हसदेव दर्री बांध का निरीक्षण किया। टीम में उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश के अलावा कई अधिकारी शामिल रहे। मूल रूप से कोरबा जिले के बांध और बैराज सहित कई संसाधनों का आकलन इस टीम ने किया।
विभिन्न राज्यों में काफी समय से बने हुए जल विभाग के मामलों को निपटाने के लिए केंद्रीय जल विवाद न्यायाधिकरण बीते वर्षों में अपना काम करता रहा है। महा नदी जल विवाद का स्थाई समाधान खोजने के लिए सरकार ने इसे जिम्मेदारी दी है। छत्तीसगढ़ से निकलकर उड़ीसा की तरफ जाने वाले महानदी के पानी को लेकर काफी समय से विवाद के कारण बने हुए हैं और इसकी अधिकारिता पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। सरकार ने पिछले चार दशक से बढ़ते विवाद और शिकायतों के बीच 40 सदस्यों की टीम को प्रारंभिक चरण में कोरबा जिले के दौरे पर भेजा गया है। कहा जा रहा है कि ओडिशा सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बीते वर्षों में याचिका दायर की गई है और पानी के निर्दिष्ट उपयोग को लेकर अपना पक्ष रखा गया है। जबकि छत्तीसगढ़ अपनी तरह से महानदी और इसके जल संसाधन पर स्वाभाविक रूप से अधिकार जताता रहा है। इसके पीछे उसके अपने तर्क है। पूरे मामले को समझने और इसके अध्ययन के बांध ट्रिब्यूनल की टीम ने प्रदेश में 18 अप्रैल से दौरा शुरू किया है इसके अगले चरण में 30 अप्रैल से बिलासपुर संभाग के दौरे पर टीम सक्रिय हुई है। इसके अंतर्गत कोरबा जिले में हसदेव पर आधारित जल संसाधनों का निरीक्षण करने के लिए टीम के सदस्य बांगो पहुंचे। यहां करीब एक घंटे तक टीम ने विभिन्न पहलुओं की जानकारी एकत्रित की। दर्री पहुंचे टीम के सदस्य बांध के निचले हिस्से में भी उतरे और जलभराव व जल छोड़े जाने का ब्यौरा लिया।
हसदेव बांगो बांध वर्ष 1992 में बनकर तैयार हुआ। इसका जलस्तर 359.66 मीटर रहता है। इसके पहले 1964.65 में दर्री बराज बनकर तैयार हो गया था। बराज से ही सिंचाई के साथ ही औद्योगिक संस्थानों को पानी दिया जाता है। अभी रोज बरात से एक गेट खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है ताकि नीचे पानी का बहाव कम ना हो। कोरिया जिले से निकली हसदेव नदी आगे जाकर जांजगीर-चांपा जिले के बसंतपुर के पास महानदी में मिलती है। महानदी जल विवाद को लेकर ट्रिब्यूनल की टीम जिले में पहुंच रही है। बांगो बांध से ही पूरा जांजगीर-चांपा जिला सिंचित है। ओडिशा सरकार ने महानदी पर बने छह बैराजों के कारण गैर मानसून अवधि में महानदी में पानी कम आने की शिकायत केंद्र सरकार से की है। इसके साथ ही जल का बंटवारा करने के लिए भी आवेदन दिया है। इसके बाद 12 मार्च 2018 को केंद्र शासन ने अधिसूचना जारी कर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया है।