कोरबा 05 जून। रेल कारिडोर से प्रभावितों को मुआवजा देने के साथ ही रेल प्रबंधन ने एक सप्ताह के भीतर घर खाली करने का नोटिस थमा दिया। इसके प्रभावितों के समक्ष विषम परिस्थिति निर्मित हो गई । बैठक कर प्रभावितों ने वर्षा काल तक रहने के लिए समय देने की मांग की है।
कृष्णानगर के कुछ लोगों को उनके मकान और दूसरे परिसंपतियों का मुआवजा नही दिया गया था। इस पर ऊर्जाधानी भू.-विस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले लंबे संघर्ष करने के बाद रेल कारिडोर से प्रभावित कृष्णा नगर दीपका के 16 परिवारों की मुआवजा का भुगतान कटघोरा के अनुविभागीय अधिकारी के निर्देश पर रेल प्रशासन को आखिरकार करना पड़ा। मुआवजा राशि को बैंक खाते में जमा होने के बाद एक सप्ताह के भीतर रेलवे व प्रशासन ने मकानों को 15 दिनों में खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया। इससे उनकी चिंता बढ़ गई, क्योंकि वर्षा शुरू होने वाली है। ऐसे स्थिति में उनके रहने का संकट सामने आ गया है। बस्तीवासियों ने बैठक कर निर्णय लिया कि कलेक्टर के जनचौपाल में पहुंचकर वर्षा ऋतु तक रह रहे मकानों को खाली नही करने के लिए जनचौपाल में गुहार लगाकर निवेदन करेंगे।
बस्तीवासियों कहना है कि बैठक में तय किया गया कि मंगलवार कलेक्ट्रेट जनचौपाल में वर्षा ऋतु तक अपनी व्यवस्था करने का मोहलत देने की मांग की जाएगी। ऊर्जाधानी संगठन ने कहा कि वर्षा काल में मकान खाली कराने की जोर जबरदस्ती का तरीका मानवीय दृष्टि से भी नाजायज है और जरूरत पडऩे पर विरोध किया जाएगा। बैठक में ललित महिलांगें, फुलेंद्र सिंह, विद्याधर, शिवलाल साहू, अशोक साहू, गुरूवारी बाई, गीताए सुनीता, नेहादास, आराधना सोनी, पिंकी लता साहू, सीमा सोनी, दयारामए बंशी, काशीनाथ, मणिशंकर साहू, रोहित दास, किशन सोनी, चामु नाग, दीपेश सोनी समेत काफी संख्या बस्ती के लोग उपस्थित रहे।