कोरबा 10 जून। छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के तत्वावधान में जिले पटवारी पिछले 23 दिन से आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। तानसेन चौक में बैठे हड़तालियों ने उन पर शासन की ओर से लगाए गए एस्मा के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध किया। अनिश्चत कालीन हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने कहा कि बिना सूचना दिए एस्मा लगाना उन पर मानसिक प्रताडऩा की श्रेणी में आता है। आंदोलन को कुचलने के प्रयास को हम सफल होने नहीं देंगे।
जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष शिवलाल भगत ने सरकार के इस दमनात्मक आदेश की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी समाजए संगठन को अपनी अपनी बात रखने का अधिकार है। शासन को आंदोलन के पहले सूचित किया गया। सरकार सकारात्मक होती तो आंदोलन के पूर्व संगठन से चर्चा कर समाधान निकाल लेती, लेकिन पटवारी संघ के साथ चर्चा नहीं की। 23 दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान चर्चा कर समस्याओं का समाधान करने का प्रयास नहीं किया। उन्होने कहा कि जब राज्य की जनता परेशान होने लगी तो कर्मचारियों की मांगों पर समाधान करने के बजाय उन्हें एस्मा लगाकर आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है इससे कर्मचारियों की मांगों पर कुठाराघात हुआ है। भगत ने कहा कि राजस्व पटवारी संघ की मांगों पर शासन सहानुभूति पूर्वक विचार कर उनकी मांगों को पूरा करे। बताना होगा पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने राजस्व संबंधित समस्याओं का निराकरण नहीं हो रही है।
ये है पटवारियों की मांगें:-वेतन विसंगतियों केा दूर करते हुए ग्रेड पे 2800 रूपये किया जाए। राजस्व निरीक्षक पद पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति किया जाए। संसाधन व नेट भत्ता दिया जाए। मंहगाई के अनुरूप स्टेशनरी भत्ता दिया जाए। अतिरिक्त हल्के के प्रभार का मानदेय में वृद्धि किया जाए। पटवारी भर्ती के योग्यता स्नातक किया जाए। मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त किया जाए। बिना विभागीय जांच के एफआइआर दर्ज न किया जाए।