कोरबा 04 जून। संत कबीर प्राकट्य उत्सव घंटाघर कोरबा में धूमधाम से राहगीरों को फल और सरबत वितरित कर मनाया गयाकबीर प्रकट उत्सव या कबीर जयंतीए कवि और रहस्यवादी संत कबीर साहेब के प्राकट्य के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हालांकि कबीर जयंती के नाम से ही यह उत्सव मनाया जाता रहा है लेकिन संत रामपाल के अनुयाइयों ने इसे प्रकट उत्सव के रूप मे मनाना आरंभ कियायह साल में एक बार हिंदी पंचाग के ज्येष्ठ महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मई या जून का महीना होता है।
ऐसा माना जाता है कि परमसंत कबीर साहेब इसी दिन 1398 ई. में काशी के लहरतारा तालाब में कमल पर शिशु रूप में सशरीर प्रकट हुए थे। उन्हें नीरू. नीमा जुलाहा दंपति उठा ले गए जिनके घर पर ही उनकी परवरिश हुई। कबीर प्रकट उत्सव 2021 में 24 जून को मनाया गया था और 2022 की तिथि 14 जून है। कबीर साहेब की जयंती नहीं मनाई जाती कबीर साहेब प्रकट हुए थे इसलिए कबीर प्रकट दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज कोरबा के घंटाघर में राहगीरों को फल वितरित व सरबत पिलाकर धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर कबीरा एसओसीएम डायरेक्टर दिनेश दीवान रवि चौधरी,ऋषि दीवान, संतोष दास, प्रमोद मानिकपुरी, दिनेश मानिकपुरी,इतवारी दास महंत,रामगोपाल यादव एल्डरमैन समस्त मानिकपुरी युवा सेवा कोरबा की ओर से विशेष योगदान रहा ।