कोरबा 22 मई। चोढा बरहामुड़ा क्षेत्र के एक तालाब में ट्रैक्टर के पलटने से चालक की मौत हो गई। हादसे के बाद वह ट्रैक्टर के अंदर दब गया था। जब तक यहां बचाव कार्य किया जाता, चालक की सांसें उखड़ चुकी थी। उसकी मौत से परिवार सदमे में है। क्योंकि मृतक ही अपने परिवार का एकमात्र कमाऊपूत था। हरदीबाजार पुलिस ने मामले की जानकारी होने पर मर्ग कायम किया है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
कोरबा जिले में यह घटना रविवार रात्रि 10 बजे हुई। जानकारी के अनुसार चोढ़ा आश्रित ग्राम छिंदपानी निवासी रामप्रकाश मरकाम उम्र 30 वर्ष पिता भुखन सिंह मरकाम जो ट्रैक्टर चलाने का काम करता था। ग्राम में ही अन्य स्थान पर तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। जिसमें ट्रैक्टर से मिट्टी डम करने का कार्य आसपास के कई ट्रैक्टर मालिकों को दिया गया है। चोढ़ा का ट्रैक्टर भी इसमें नियोजित था और मरकाम बतौर चालक अपनी सेवाएं दे रहा था। बताया गया कि काम खत्म करने के पश्चात चालक घर जाने के लिए रवाना हुआ। जानकारों का कहना है कि इस दौरान ट्रैक्टर औसत से ज्यादा गति में चल रहा था। शायद जल्दी घर पहुंचने के चक्कर में स्पीड पर कंट्रोल नहीं हो सका और गांव के तालाब के पास यह घटना हुई जिसमें वाहन सड़क से उतरकर तालाब में जा घुसा और पलट गया। वाहन के स्टेयरिंग में दबने के साथ चालक मौत के मुंह में चला गया। इस रास्ते से आवाजाही करने वाले लोगों को इसकी जानकारी हुई और उन्होंने आसपास में सूचना दी। जब तक यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाता काफी देर हो चुकी थी। इस दौरान चालक को जैसे-तैसे मौके से निकाला गया लेकिन उसके शरीर में प्राण नहीं थी। पूरी घटना की जानकारी मृतक के बड़े भाई चंद्रकांत मरकाम के द्वारा बताया मृतक के पत्नी व तीन वर्ष के एक बेटा है घर मे मृतक रामप्रकाश मरकाम ही कमाने वाला था हरदी बाजार थाना द्वारा सूचना मिलते ही घटना स्थल पहुँच कर जांच पड़ताल के साथ तालाब में डूबे शव व सोल्ड सोनालिका ट्रेक्टर को जे सी बी के माध्यम से बाहर निकाला गया फील हाल पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। आज सुबह गमजदा माहौल में मृतक के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
वाहनों के लिए औसत गति निर्धारित की गई है और इसी हिसाब से उन्हें सड़क पर चलाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके बावजूद अधिकतम व्यवसायिक लाभ की मंशा से ऐसे वाहन तेज रफ्तार में भागते हैं और किसी न किसी कारण से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जनहानि के साथ आर्थिक चपत भी लगती है। बीते वर्षों में सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर और जीपीएस लगाने के आदेश सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए थे। निश्चित अवधि में इस काम को किया जाना था लेकिन फरमान का असर नहीं हुआ।