December 1, 2024 |
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a

BREAKING NEWS

भूपेश के फैसले को पलटेगी विष्णु सरकार, अध्यादेश का मसौदा तैयारACB ने जीआरपी के 3 सिपाही और लेखा अधिकारी के ठिकानों पर मारा छापानशे के विरुद्ध कार्रवाई, एक आरोपी 1200 नग प्रतिबंधित दवा जब्तचतुर्दशी तिथि पर महावीर स्वामी का अभिषेक,शांति धारा व विशेष पूजनजंगल में मिला 15 दिन से लापता दंपति का शव, जांच में जुटी पुलिससिकल सेल एनिमिया व ब्रेस्ट कैंसर के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएं : राज्यपालCG देशी मुर्गे का रिश्वत: बैंक मैनेजर लोन देने की एवज में किसान!प्रोफेसर के 595 पदों पर भर्ती हेतु 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक किए जाएंगे दस्तावेज सत्यापन,प्रधान आरक्षक के पत्नी व बेटी के हत्याकांड के आरोपी कबाड़ी की मदद करने वाला आरक्षक हुआ बर्खास्तKORBA:एक साल में कर्जदार से लखपति बना डायरेक्टर तो कैशियर ने बना लिया तीन मंजिला भव्य मकान 
IMG-20241027-WA0039
IMG-20241027-WA0039

सद्गुरु कबीर साहेब की जयंती के शुभ अवसर पर कौमी एकता पर केंद्रित सम्यक प्रबोधन सम्मेलन आयोजित

अपनी भाषा में ख़बरें पढ़े

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

कोरबा 11 जून। भारतीय समता साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ साथी के संयुक्त तत्वावधान में गोंडवाना भवन धमतरी में सद्गुरु कबीर साहेब की जयंती के शुभ अवसर पर कौमी एकता पर केंद्रित सम्यक प्रबोधन सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ी लोक साहित्यकार दीनदयाल रंगारी रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता आरती मंगेशकर कोरबा, समाज विज्ञानी प्रोफेसर के मुरारी दास बालोद, तिलक राम सोनकर धमतरी, प्रधानाचार्य असवन राम सिन्हा चारामा उपस्थित थे। अकादमी की महासंरक्षक सुशीला वाल्मीकि ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रांत अध्यक्ष जी आर बंजारे ने अपने उद्बोधन में कहा कि संत कबीर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और आडंबरों का विरोध कर समाज में क्रांति लाने का प्रयास किया, इसलिए हमें कौमी एकता और भाईचारे को मजबूत करने वालों का साथ देना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य, लोक कला, संस्कृति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आरती मंगेशकर, सुजीत सुमेर, अब्दुल रहीम, नंदराम सुनवानी, दयाराम कुमार, रवि शंकर सागर, विजयलक्ष्मी सोनी और दीनदयाल रंगारी 2023 की मानक उपाधि का राज्य अलंकरण से सम्मान किया गया। इसमें आरती मंगेशकर का प्रमुख योगदान रहा।

Nyay Dhani
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a