कोरबा 21 मई। साउथ ईस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड एसईसीएल की दीपका परियोजना में निजी कंपनी के मशीनों की सुरक्षा में लगे निजी सुरक्षाकर्मी के मौत बाद सुरक्षा कंपनी को आखिरकार उसके परिजनों को मुआवजा सहित उपचार का खर्चा देना ही पड़ा। कंपनी की बेरूखी पर भू.विस्थापित संगठन ने परिजनों के साथ मिलकर एनटीपीसी जाने वाली साईलो के कोल परिवहन को ठप्प कर दिया। तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कंपनी ने मांगो को मानने का अश्वासन दिया तब जाकर प्रदर्शन समाप्त हुआ।
जानकारी के मुताबिक कलिंगा ठेका कंपनी की सुरक्षा में तैनात एक निजी सुरक्षाकर्मी की पिछले दिनों में अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। ड्युटी के दौरान जांजगीर जिले के ग्राम कुकदा निवासी सुरक्षाकर्मी लकेश्वर टंडन की तबियत अचानक खराब हुई जिसके कंपनी के कर्ता धर्ता उसे लेकर गेवरा के एनसीएच अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद कोरबा के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पताल में भी उसका उपचार संभव नहीं हो सका। अंत में उसे बिलासपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। सुरक्षाकर्मी की मौत के बाद उसके परिजन मुआवजा के लिए ठेका कंपनी के पास पहुंचे लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की मदद करने से साफ मना कर दिया। फिर क्या था परिजन उर्जाधानी भू.विस्थापित कल्याण समिती के साथ मिलकर एनटीपीसी जाने वाली साईलो के कोल परिवहन को ठप्प कर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कंपनी के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचेएजहां मृतकों के परिजनो को 50 हजार रुपए मुआवजा, उपचार के दौरान खर्च की गई राशि के साथ ही ईपीएफ की राशि का भुगतान जल्द से जल्द कर दने का आश्वासन दिया तब जाकर प्रदर्शन समाप्त हुआ।