CG:– ईडी ने कहा शराब घोटाले में प्रतिमाह लखमा को मिले दो करोड़,जिससे बना कांग्रेस भवन, वहीं गिरफ्तारी के विरोध में आज सुकमा बंद

CG:– ईडी के वकील ने मीडिया को बताया कि शराब घोटाला मामले में कवासी लखमा को 36 माह तक प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए मिले है। उन्हें 21 जनवरी तक रिमांड पर लिया गया है। वही गिरफ्तारिक विरोध में सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी ने आज सुकमा जिला बंद का आह्वान किया है।
रायपुर। 2000 करोड रुपए से अधिक के आबकारी घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा को कल पूछताछ के लिए पहुंचने पर ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी के स्पेशल कोर्ट में पेश कर उन्हें 21 जनवरी तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में ईडी के अधिवक्ता ने मीडिया को बताया कि दो करोड़ रुपए प्रतिमाह कवासी लखमा को दिए जाते थे। वहीं गिरफ्तारी के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी सुकमा ने आज बंद का आह्वान किया है।
दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में कवासी लखमा को 28 दिसंबर और 3 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसके बाद तीसरी बार 15 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ के बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में ईडी के अधिवक्ता ने बताया कि पूछताछ के दौरान हर बार सवाल का गोलमोल जवाब कवासी लखमा दे रहे थे। शराब घोटाले में पूर्व में जो जेल भेजे गए अरविंद सिंह ने अपने बयान में लखमा को प्रतिमा 50 लाख रुपए और एपी त्रिपाठी ने लखमा को डेढ़ करोड़ रुपये प्रतिमाह देने की जानकारी दी है। यह राशि जयंत देवांगन, कन्हैया लाल कुर्रे और जगन्नाथ साहू के माध्यम से मिलती थी। इसे आबकारी विभाग का कर्मचारी इकबाल खान हर महीने छोड़ने के लिए जाता था। 36 माह तक के इस गेम चला था इस हिसाब से 72 करोड रुपए वसूले गए थे।
ईडी की जांच के अनुसार सुकमा में कांग्रेस भवन के निर्माण में यह रकम खर्च की गई थी। अदालत में पेश होने के दौरान अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शराब घोटाले की जांच और खवासी एवं उनके पुत्र हरीश के घर से डिजिटल सबूत बरामद किए गए थे इसे डिकोड करने पर लेनदेन के इनपुट मिले हैं। ईडी ने कवासी लखमा के परिजनों की संपत्ति की जानकारी मांगने के लिए पूछताछ हेतु 14 दिनों की रिमांड मांगी थी। पर बचाव पक्ष ने इसका विरोध किया और बताया कि हर बार समंस भेजे जाने पर लखमा पूछताछ के लिए उपस्थित हुए हैं। तीसरी बार बिना समंस के मौखिक बुलवाया फिर भी उपस्थित हुए हैं। निर्वाचित जनप्रतिनिधि को बिना साक्ष्य के गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। इसे देखते हुए रिमांड न दिया जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ईडी के विशेष न्यायाधीश ने 7 दिन की रिमांड मंजूर की।
वही गिरफ्तारी के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर में सड़क निर्माण में धांधली का मुद्दा कवासी लखमा ने उठाया था। जिसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा है। सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की परतें खोलने पर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंसता से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कवासी लखमा ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा विधानसभा में उठाया था और आचार संहिता में बिना टेंडर सड़क निर्माण करवाने की पोल खोली थी इसलिए ईडी उनके पीछे पड़ी और उन्हें जेल भेजा गया।
वहीं जिला कांग्रेस कमेटी सुकमा ने एसडीएम को आवेदन दे विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में 16 जनवरी को सुकमा जिला बंद किए जाने की जानकारी दी है। पत्र में विधायक लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में सभी प्रतिष्ठानों को बंद रखने की बात कही गई है।
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