
प्रमोशन आदेश निरस्त-साथ ही करवाई जा रही एफआईआर

कूटरचित दस्तावेजों के सहारे वरीयता सूची का लाभ लेते हुए सहायक शिक्षक ने प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति पा ली। मामले की शिकायत होने पर मामले की जांच करवाई गई। जांच में जानकारी मिली कि सहायक शिक्षक दिनेश प्रधान ने स्वयं के आवेदन पर अपना पूर्व में स्थानांतरण करवाया था। बाद में कूटरचित दस्तावेजों के सहारे इसे प्रशासनिक ट्रांसफर बता वरिष्ठता सूची का लाभ ले लिया और प्रमोशन पा गया। अब उसके प्रमोशन निरस्त करने और अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है
मामला सामने आने पर जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मोहनराव सावंत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी पिथौरा केके ठाकुर को दिनेश कुमार प्रधान की पदोन्नति निरस्त करने की कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया है। दिनेश प्रधान पहले बसना के प्राथमिक शाला पिताईपाली में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के रूप में पदस्थ थे। 31 अगस्त 2010 को जनपद पंचायत बसना के आदेश क्रमांक 1105 के तहत स्वयं के व्यय पर पिथौरा के ग्राम खैरखुटा में स्थानांतरित हुए। लेकिन, वरीयता सूची में उनका नाम 2229 वें नंबर पर था। इसके बाद दिनेश प्रधान ने स्वयं कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए स्थानांतरण को प्रशासनिक बताया एवं नाजायज तरीके से वरीयता सूची का लाभ लेते हुए प्रधान पाठक के पद पर प्रमोशन पा लिया। एक व्यक्ति ने मामले की शिकायत अधिकारियों से की। शिकायत के आधार पर मामले की जांच के बाद नियुक्ति में शामिल दस्तावेजों को फर्जी पाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी एमआर सावंत ने पत्र क्रमांक 1823 जारी कर दिनेश कुमार प्रधान की पदोन्नति निरस्त करने का आदेश जारी किया।
डीईओ मोहन राव सावंत ने मीडिया को बताया कि दिनेश प्रधान का स्थानांतरण 2010 में गंभीर बीमारी के कारण बसना से पिथौरा किया गया, जो कि दिनेश के आवेदन के आधार पर स्वयं के व्यय पर किया गया था। यह स्थानांतरण प्रशासनिक नहीं था।
मिली जानकारी के अनुसार पदोन्नति के पूर्व वरीयता निर्धारण में नियमों को ताक पर रखते हुए वरिष्ठता निर्धारण में जमकर गड़बड़ी कर अपने चहेतों शिक्षकों को गलत ढंग से लाभ देकर बड़ा घोटाला किया गया है। इसके लिए पूर्व बीईओ और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी की टीम ने वरिष्ठता निर्धारण के आधार पर ब्लॉक में अन्य शिक्षकों को नियम विरूद्ध प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति दी है। इसमें दर्जन भर अन्य शिक्षकों के विरूद्ध अभी भी विभागीय जांच चल रही है। विभागीय जांच की गति इतनी धीमी है कि लगता है कि वर्षों तक पूर्ण नहीं की जा सकेगी।
चिकित्सकीय स्थानांतरण को बताया था प्रशासनिक,होगी एफआईआर:–
सहायक शिक्षक दिनेश प्रधान द्वारा पदोन्नति प्राप्त करने के लिए स्थानांतरण आदेश को कूटरचना कर चिकित्सा स्थानांतरण को प्रशासनिक किया गया है। डीईओ के अनुसार कूटरचित दस्तावेज बनाने वाले के विरूद्ध उच्चाधिकारियों से चर्चा कर एफआईआर दर्ज करवाया जाएगा।
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