
कोरबा। विकास के भाषण जब पानी में बहने लगें तो जनता चुप नहीं बैठती। कुछ ऐसा ही हुआ कोरबा के पाली नगर पंचायत में, जहां बरसात में गलियों में भरे गंदे पानी से परेशान ग्रामीणों ने खुद मंत्री के काफिले को रोक दिया।
जब पानी नालियों से निकलकर घरों में घुस जाए, और नेता “विकास” की सड़क पर फूल बरसाते चलें — तो जनता आखिर कब तक चुप रहे?
कोरबा के पाली में रविवार को यही हुआ। वर्षों से जलभराव की समस्या झेल रहे दुकानदारों और बस्तीवासियों ने सड़क पर उतरकर सरकार के दावों को ठहरने पर मजबूर कर दिया। मंत्री अरुण साव, मंत्री लखनलाल देवांगन, कलेक्टर अजीत वसंत और एसपी सिद्धार्थ तिवारी के काफिले को लोगों ने बीच रास्ते में रोक दिया। वजह सिर्फ़ इतनी थी — “हमारे घरों में पानी घुस रहा है, और आप रोड उत्सव मना रहे हैं?”
प्रभारी मंत्री अरुण साव, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, कलेक्टर अजीत वसंत और एसपी सिद्धार्थ तिवारी का काफिला जैसे ही पाली के मंगल भवन से कार्यक्रम खत्म कर लौटा — दुकानदारों और बस्तीवासियों ने रास्ता जाम कर दिया।
“सड़क नहीं, नाली नहीं, बरसात में घर में गंदा पानी घुस जाता है… और नेता जी रोड उत्सव मनाने आए हैं?”
— यही सवाल था ग़ुस्से से उबलते लोगों का।
ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बारिश नहीं थी, और न ही पहली शिकायत। गलियों में कीचड़, नालियों में रुकावट और बस्तियों में जलभराव एक आम दृश्य बन चुका है। मगर नेताओं के लिए सब कुछ कागज़ पर ‘साफ़’ है।
करीब 15 मिनट तक प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। माहौल बिगड़ता देख कलेक्टर और एसपी को खुद सामने आकर समझाइश देनी पड़ी। तब जाकर काफिला रवाना हो सका।
Live Cricket Info