कोरबा 11 जून। आज सुबह ढेलवाडीह के पास हुए सड़क हादसे में छोटा हाथी अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गया। वाहन में कुल 30 लोग सवार थे। जिनमें से 15 लोग बुरी तरह से घायल हो गए। उनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। 8 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। सभी को कटघोरा सीएचसी में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार आज सुबह 8.30 बजे के आसपास यह घटना कटघोरा-बिलासपुर मार्ग पर ढेलवाडीह क्षेत्र में हुई। बताया गया कि चैतमा चौकी के नवापारा के रहने वाले 30 लोग छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उरगा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरीडीह गांव जाने के लिए छोटा हाथी वाहन बुक किया था। सामान्य तौर पर सामान ढोने के लिए लिए ही ऐसे वाहनों को बनाया गया है और परमिट भी इसी आधार पर जारी किये गए हैं। इसके बावजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों धड़ल्ले से जारी है। ढेलवाडीह क्षेत्र में आज हुई घटना में जो लोग घायल हुए हैं वे सभी छोटा हाथी में सवार थे।
बताया गया कि ढेलवाडीह के मोड़ के पास अचानक वाहन अनियंत्रित हो गया और सड़क से नीचे उतरकर एक पेड़ से जा भिड़ा। इस घटना में वाहन चालक सुरक्षित रहा है जबकि पिछले हिस्से में सवार सभी 15 लोग घायल हो गए जो नवापारा के एक-दो परिवारों से संबंधित बताए जाते हैं। हादसे के साथ यहां कोहराम मच गया। इस मार्ग से आवाजाही करने वाले लोगों ने फौरी तौर पर इनकी सुध ली। इसके साथ ही डॉयल 112 और संजीवनी को फोन किया गया। कुछ देर के बाद एंबुलेंस यहां पहुंची और पीडि़तों को कटघोरा अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की। बड़ी संख्या में घायलों के एक साथ यहां पहुंचने के कारण अजीब स्थिति पैदा हो गई। फौरी तौर पर पीडि़तों को अस्पताल के प्लेटफार्म पर लिटाने के साथ उनकी सुध ली गई। चिकित्सकों की देखरेख में पीडि़तों का उपचार किया जा रहा है। डॉक्टर ने बताया कि दुर्घटना में कुछ लोगों को ज्यादा चोटें आई है इसलिए उन्हें मेडिकल कॉलेज हास्पिटल कोरबा रेफर किया जा रहा है। कटघोरा पुलिस को घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है। वह इस मामले में वाहन चालक पर कार्रवाई कर रही है।
कोरबा में जिला परिवहन कार्यालय की स्थापना करने के साथ अधिकारियों की पोस्टिंग जरूर की गई है लेकिन उनकी भूमिका कुछ मामलों तक सिमट कर रह गई है। जब से डिप्टी कलेक्टर स्तर के डीटीओ परिवहन विभाग को संभाल रहे हैं तब से व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। एक तो लोगों के काम विलंबित हो रहे हैं, दूसरी ओर सड़कों पर नियम विरूद्ध चल रहे वाहनों के मामले में अफसरों का रूख बेहद सकारात्मक बना हुआ है। परिवहन विभाग का उडऩदस्ता वसूली का जरिया बना हुआ है जो बेहद सामान्य है। अफसरों के कुंभकर्णी नींद में होने का पूरा फायदा लापरवाह वाहन चालक उठा रहे हैं और इसके चक्कर में लोगों की जान पर बनी हुई है।