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33 करोड़ रुपए का किया कोल घोटाला पीड़ित ने की आत्महत्या चार आरोपितों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

नुकसान से परेशान व्यापारी ने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा कर आत्महत्या कर ली

कोल व्यापारी के साथियों के द्वारा 33 करोड़ रुपए के कोयले का घोटाला कर दिया गया।  33 करोड़ रुपए के कोयला के अलावा उसके दो लोडरों को भी ले गए। नुकसान से परेशान होकर व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जांच के बाद व्यापारी के चार साथियों को गिरफ्तार किया है। मामला सरगांव थाना क्षेत्र का है।

बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के आर्या कॉलोनी तिफरा निवासी 50 वर्षीय नरेंद्र कुमार कौशिक ने 26 नवंबर 2011 को मुंगेली जिले के सरगांव थाना  क्षेत्र में स्थित अपने कोल डिपो अमीषा ट्रेडर्स  में जहर खा लिया था। यहां जहर खाने के बाद सुसाइड नोट लिखकर अपने परिजन व साथियों को व्हाट्सएप में भेजा।   जिसे पढ़ कर मृतक और साथी मृतक को तलाश करते हुए सरगांव थाना क्षेत्र के सरगांव अंग्रेजी भट्ठी रोड़ मैदान के पास पहुंचे। यहां नरेंद्र कौशिक उल्टियां करता हुआ अपने ब्रेजा कार में अकेला बैठा था। जिसे बिलासपुर अपोलो परिजन लेकर आए। इलाज के दौरान अपोलो अस्पताल में नरेंद्र कौशिक की मौत हो गई। सरकंडा पुलिस से मेमो मिलने पर सरगांव थाना में मर्ग क्रमांक 63/2024 धारा 194 कायम कर जांच में लिया गया।   एसपी भोजराम पटेल के निर्देश पर जब मर्ग जांच की गई तो पाया गया कि मृतक सरगांव स्थित खपरी रोड़ पर अमीषा ट्रेडर्स नामक कोल डिपो का संचालन करता था साथ ही ट्रांसपोर्टिंग का काम भी करता था। मृतक ने अपने साथी संजय भट्ट, राजेश कोटवानी के नाम मुख्तियार ग्राहता के द्वारा अपने अन्य साथी देवेंद्र उपवेजा व सूरज प्रधान के साथ मिलकर अमीषा ट्रेडर्स कोल डिपो में मिलकर व्यवसाय करते थे।
मृतक के परिजनों अन्य गवाहों और साथियों का कथन लिया गया। जिसमें जानकारी प्राप्त हुई कि अमीषा ट्रेडर्स के नाम पर खरीदी बिक्री आय– व्यय की संपूर्ण कार्यवाही एवं देखरेख देवेंद्र उपवेजा और राजेश कोटवानी के द्वारा किया जाता था। वर्ष 2022–23 में उनके द्वारा कोयला बिक्री रकम 43 करोड़ रुपए बताया गया था एवं वर्ष 2023–24 में कोयला बिक्री रकम 10 करोड़ रुपए बताया गया था। मृतक नरेंद्र कौशिक के अनुपस्थित रहने के दौरान उसके साथियों ने कोल डिपो का पूरा कोयला एवं 2 लोडर वाहन को बिना सूचना के ले जाकर दूसरी जगह गबन कर दिया। मृतक नरेंद्र कौशिक को व्यवसाय का सही हिसाब किताब भी नहीं दिया। मृतक द्वारा पूछताछ करने पर साथियों ने उससे मारपीट भी की। नुकसान और साथियों की धोखेबाजी से नरेंद्र कौशिक परेशान हो गया था। उस पर कर्ज भी चढ़ गया था। मृतक साथियों से हिसाब बराबर करने के लिए कहने के अलावा राजनेताओं के पास भी मदद के लिए गया था। पर कहीं से कोई मदद नहीं मिलने पर हताश होकर उसने जहर खाकर जान दे दी। जहर खाने से पहले लिखा सुसाइड नोट में उसने आरोपियों की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने की बात कहीं। पुलिस ने सुसाइड नोट भी जप्त किया है। पुलिस ने मामले में आत्महत्या के लिए प्रेरित किया जाने पर अपराध क्रमांक 195/2024 धारा 108,3(5) बीएनएस का प्रकरण पंजीबद्ध किया।  प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी भोजराम पटेल ने पुलिस कार्यवाही करने के लिए एडिशनल एसपी नवनीत कौर छाबड़ा और उपपुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल को निर्देशित किया था। पुलिस टीम आरोपियों की पत्तासाजी कर ही रही थी। जानकारी लगने पर चार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में मामला प्रमाणित पाए जाने पर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

गिरफ्तार आरोपी:–
राजेश कोटवानी उम्र 48 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 3 ॐ गार्डन के पास नेहरू नगर, देवेंद्र सिंह  उपवेजा उम्र 54 वर्ष निवासी जूनी लाइन बिलासपुर, सूरज प्रधान उम्र 34 वर्ष निवासी दुर्गा नगर लिंगियाडीह,संजय भट्ट उम्र 53 वर्ष निवासी अकलतरा

आरोपियों से मृतक के फर्म के संचालन की गतिविधि के दस्तावेज, आर्थिक लेनदेन संबंधी दस्तावेज दो लोडर जप्त किया है। साथ ही आरोपियों के बैंक खातों को सीज किया गया है।

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