श्री सिद्ध बाबा के पावन धाम पर 72 वां शरद पूर्णिमा महोत्सव भव्य रूप से मनाया जाएगा आज

श्री सिद्ध बाबा के पावन धाम पर 72 वां शरद पूर्णिमा महोत्सव भव्य रूप से मनाया जाएगा आज

बेलगहना। हर वर्ष की भांति इस बार भी बेलगहना स्थित श्री सिद्ध बाबा मंदिर (पावन धाम) में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर भव्य धार्मिक आयोजन किया जाएगा। यह इस पवित्र परंपरा का 72वां वर्ष होगा। शरद पूर्णिमा की रात को आयोजित होने वाला यह उत्सव श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम बन जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन सिद्ध बाबा के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेलगहना पहुंचते हैं।

भक्ति और संगीत का संगम – शरद पूर्णिमा की रजत चांदनी में मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठता है। इस विशेष अवसर पर प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञों, भजन गायकों और कीर्तन मंडलियों द्वारा संगीतमय भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। मंदिर प्रांगण में भक्ति गीतों की ध्वनि और घंटों की गूंज से वातावरण अलौकिक हो उठता है। भक्त पूरी रात जागरण कर सिद्ध बाबा के चरणों में भक्ति भाव अर्पित करते हैं।

अमृतमय खीर का प्रसाद – इस आयोजन की सबसे खास परंपरा है — अमृतमय खीर प्रसाद। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में रखी गई विशेष खीर को प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित किया जाता है। लोक मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृत तत्व होता है, जो खीर को दिव्य और औषधीय गुणों से भर देता है। इस प्रसाद का सेवन करने से शरीर को शीतलता, मानसिक शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस आयोजन का यही अनूठा पहलू इसे पूरे क्षेत्र में विशिष्ट बनाता है।
औषधीय खीर का वितरण – धार्मिक अनुष्ठानों के साथ इस महोत्सव का एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू भी जुड़ा है। श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति और माता चौरा मंदिर समिति के सहयोग से दमा, सांस और फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों को औषधीय खीर निःशुल्क वितरित की जाती है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसके लाभ के कारण आसपास के गाँवों व जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में इस खीर को प्राप्त करने आते हैं। श्रद्धालु इसे बाबा का आशीर्वाद और दवा दोनों मानते हैं।
पूजा-अर्चना और भक्ति जागरण – पूरे मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। भक्तजन दिनभर व्रत रखकर पूजा करते हैं और रातभर भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। चांदनी से नहाया हुआ मंदिर परिसर इस रात अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। महिलाएँ, बच्चे, वृद्ध और युवा सभी भक्ति में डूबे दिखाई देते हैं।

स्थान और भंडारे – बेलगहना में स्थित बाजार चौक में आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भंडारे, जलपान और विश्राम व्यवस्था भी की है।
शरद पूर्णिमा को हिन्दू पंचांग में वर्ष की सबसे पवित्र पूर्णिमा माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर धरती पर अमृत वर्षा करता है। इसीलिए इस अवसर पर खीर को चांदनी में रखकर ग्रहण करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
श्री सिद्ध बाबा धाम में आयोजित यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह सामाजिक समरसता स्वास्थ्य संवर्धन और मानवता की भावना का भी संदेश देता है।
1) स्थान: श्री सिद्ध बाबा मंदिर (पावन धाम), बेलगहना
2) अवसर: 72वां शरद पूर्णिमा महोत्सव
3) मुख्य आकर्षण: भजन संध्या, औषधीय खीर वितरण, रात्रि जागरण और भव्य भंडारा
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