सुरक्षित विद्यालय, सुरक्षित समाज: पुलिस की ऐतिहासिक कार्यशाला में बच्चों की सुरक्षा पर हुआ मंथन

सिर्फ स्कूल ही नहीं, पूरा समाज बने बच्चों की ढाल…
बच्चों की सुरक्षा अब सिर्फ प्रशासन या स्कूलों की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक की साझी जवाबदारी है। इसी सोच के साथ जांजगीर–चांपा पुलिस ने “सुरक्षित विद्यालय, सुरक्षित समाज” विषय पर एक ऐतिहासिक कार्यशाला का आयोजन किया — ताकि हर स्कूल, हर बच्चा, हर गली और हर चौराहा सुरक्षित हो।
इस पहल की अगुवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय (IPS) ने न केवल स्कूल प्रबंधन को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए, बल्कि समाज से भी आह्वान किया कि—
जांजगीर–चांपा, 07 जुलाई 2025 | छत्तीसगढ़ के जांजगीर–चांपा जिले में सोमवार को एक ऐतिहासिक और समाज के लिए अत्यंत संवेदनशील पहल की गई। जिले के पुलिस अधीक्षक श्री विजय कुमार पाण्डेय (IPS) की अगुवाई में “सुरक्षित विद्यालय, सुरक्षित समाज” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत ऑडिटोरियम में किया गया, जिसमें जिले भर के 300 से अधिक शासकीय और अशासकीय स्कूलों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।
बच्चों की सुरक्षा पर सीधी और सख़्त बात: एसपी पाण्डेय की दिशा तय करती बातें
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय ने विद्यालयों में छात्र–छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक के बाद एक कई व्यावहारिक और सख़्त दिशा–निर्देश दिए। उन्होंने कहा –
“सड़क हो या स्कूल, जब तक हर बच्चा सुरक्षित नहीं, तब तक व्यवस्था अधूरी है।“
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन अब सुरक्षा के मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरत सकते। पुलिस की ओर से ‘रक्षा टीम‘ गठित की गई है जो स्कूल के लगने और छुटने के समय गश्त करेगी, साथ ही शाम के समय चौपाटी, उद्यान, और अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों पर निगाह रखेगी।
कार्यशाला की प्रमुख बाते और सुरक्षा उपाय:
हर स्कूल स्टाफ का अनिवार्य पुलिस वेरीफिकेशन
स्कूल बस/वैन में CCTV कैमरा लगाना अनिवार्य
बस ड्राइवर–कंडक्टर का चरित्र सत्यापन व तकनीकी जांच
महिला नोडल अधिकारी की नियुक्ति और आत्मरक्षा प्रशिक्षण
‘गुड टच – बैड टच‘ पर जागरूकता सत्र कक्षा 1 से शुरू
छात्रों की नशे की आदत रोकने काउंसलिंग अनिवार्य
स्कूलों के पास संदिग्ध गतिविधियों की सतत निगरानी
पालक–शिक्षक मीटिंग (PTM) अनिवार्य रूप से हो
ऑनलाइन शोषण से बचाने साइबर हेल्पलाइन 1930 और. पर रिपोर्टिंग की सुविधा लिंक 👇👇
हर स्कूल में ‘सुरक्षा समिति‘ का गठन अनिवार्य
एसपी पांडेय ने स्कूल प्राचार्यों को विशेष रूप से निर्देश दिया कि सभी स्कूलों में शिकायत पेटी लगाई जाए जिसकी चाबी महिला पुलिस के पास हो, जिससे छात्राएं बेझिझक अपनी शिकायत दर्ज कर सकें।
ट्रैफिक नियम और सड़क सुरक्षा भी बनी प्राथमिकता
पुलिस अधीक्षक ने बच्चों की सड़क सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जाहिर की और स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि स्टाफ और छात्र दोनों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य किया जाए। साथ ही स्कूलों में समय-समय पर ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाए, ज़ेब्रा क्रॉसिंग के उपयोग के प्रति जागरूक किया जाए।
रक्षा टीम का मजबूत प्लान: सजग निगरानी, त्वरित कार्यवाही

नवनियुक्त ‘रक्षा टीम‘ स्कूल और कॉलेजों के आसपास सतत पेट्रोलिंग करेगी और असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर निगरानी रखते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। बच्चों के लिए विशेष व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है, जिसमें वे शिकायत कर सकते हैं।
कार्यकम में मुख्य रूप ये हुए शामिल:
कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप, एएसपी (यातायात) उदयन बेहार, सीएसपी कविता ठाकुर, डीएसपी सत्यकला रामटेके, जिला शिक्षा विभाग के अधिकारीगण, और जिले के विभिन्न स्कूलों के 300 से अधिक प्राचार्य मौजूद रहे।
बच्चों की सुरक्षा केवल काग़ज़ी नहीं, जमीनी होनी चाहिए – और एसपी विजय पांडेय की यह कार्यशाला इसी सोच की एक ठोस मिसाल है। उम्मीद है कि यह पहल न केवल जांजगीर–चांपा, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक रोल मॉडल बनेगी।
Live Cricket Info