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राजमार्ग पर 19 गायों की रहस्यमयी मौत…और फिर पुलिस ने दो मवेशी मालिक को दबोच!आप हो जाएं सावधान…

आप हो जाएं सावधान!

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अगर आप भी अपने मवेशियों को दिन में सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं, तो अगली गिरफ्तारी आपकी भी हो सकती है। बिलासपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर 19 गायों की दर्दनाक मौत के बाद पुलिस ने अब सिर्फ वाहन चालकों को नहीं, गौवंशों के मालिकों को भी दोषी मानकर जेल भेज दिया है।

यह पहली बार है जब लापरवाह मवेशी मालिकों के खिलाफ हत्या जैसे गंभीर हादसे की जिम्मेदारी तय करते हुए कानूनी कार्रवाई की गई है। बिलासपुर पुलिस का यह संदेश साफ हैअब सड़कों पर जानवर नहीं, जिम्मेदार मालिक कानून के कटघरे में होंगे।

बिलासपुर।राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई हृदयविदारक दुर्घटना के मामले में बिलासपुर पुलिस ने गौवंशों को आवारा छोड़ने वाले दो पशुपालकों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्यवाही की है। यह हादसा 28 जुलाई 2025 को चकरभाठा थाना क्षेत्र के कड़ारसारधा चौक के पास राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 200 (नया-49) पर हुआ था, जिसमें तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से 19 गौवंशों की दर्दनाक मौत हो गई थी और कुछ घायल भी हुए थे।

इस घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया था और पशुप्रेमियों के साथ ही आम नागरिकों में भारी नाराजगी देखी गई थी।

पुलिस ने तत्काल शुरू की विवेचना

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने तत्काल मामले की जांच के निर्देश दिए। थाना चकरभाठा में अपराध क्रमांक 292/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281, 325 और 184 मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया।

जांच में यह बात सामने आई कि मारे गए और घायल हुए मवेशियों में तीन की स्वामित्व पहचान कर ली गई है। जिनमें

कमलेश्वर वर्मा (उम्र 75 वर्ष), निवासी ग्राम कड़ार, के नाम दो गायें पाई गईं। विजय वर्मा (उम्र 62 वर्ष), निवासी ग्राम कड़ार, के स्वामित्व में एक गाय थी।

लापरवाही की पुष्टि पर जोड़ी गई अतिरिक्त धारा

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पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने मवेशियों की देखभाल में घोर लापरवाही बरती। उन्होंने अपने मवेशियों को खुला छोड़ दिया था, जिससे वे हाईवे पर भटकते हुए दुर्घटना का शिकार हो गए। इसे गंभीर सामाजिक और कानूनी लापरवाही मानते हुए पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 291 (सार्वजनिक स्थान पर लापरवाहीपूर्वक मवेशी छोड़ने के लिए दंडनीय अपराध) भी प्रकरण में जोड़ दी।

गिरफ्तारी और विधिक कार्यवाही

बिलासपुर पुलिस ने 30 जुलाई 2025 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें विधिवत न्यायिक प्रक्रिया के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

पुलिस का संदेश: लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

एसएसपी रजनेश सिंह ने स्पष्ट किया कि

सार्वजनिक सड़कों पर मवेशियों को छोड़ देना केवल यातायात के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि इससे मानव और पशु दोनों की जान पर जोखिम उत्पन्न होता है। बिलासपुर पुलिस ऐसे किसी भी लापरवाह आचरण को बर्दाश्त नहीं करेगी और आगे भी इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पृष्ठभूमि: एक गैरजिम्मेदार व्यवहार की बड़ी कीमत

यह घटना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में आम होती जा रही उस प्रवृत्ति को उजागर करती है, जिसमें पशुपालक मवेशियों को दिन में सड़कों पर छोड़ देते हैं और रात को वापस घर लाते हैं। इससे केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे अति संवेदनशील मार्गों पर मवेशियों का इस तरह घूमना केवल कानूनन अपराध है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत चिंताजनक है।

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