Bilaspur News:–स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर, सीएचसी में टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी, महिला डॉक्टर की जिम्मेदारी निभाने पर सराहना

बिलासपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली गुल रहने से बड़ी अव्यवस्था का मामला सामने आया है। यहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला का प्रसव मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कराया गया। घटना उजागर होने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा को लेकर विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है।

Bilaspur बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग की कमजोर व्यवस्था की एक और तस्वीर तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाई दी। यहां बिजली कटने के कारण महिला को मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करानी पड़ी। इस स्थिति ने जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोली, वहीं महिला चिकित्सक ने जिम्मेदारी निभाते हुए अंधेरे में भी सुरक्षित प्रसव करवाकर अपने कर्तव्य का पालन किया। जच्चा और बच्चा दोनों की हालत ठीक होने पर डॉक्टर की सराहना हो रही है।
राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरूकता और प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। मरीजों को साधारण संसाधनों के लिए भी परेशान होना पड़ता है। ऐसा ही नजारा 17 अगस्त रविवार को तखतपुर सीएचसी में देखने को मिला।
ग्राम बेलसरी निवासी ज्योति नाम की महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन अस्पताल लाए। सुबह से ही बिजली बंद थी। जैसे ही प्रसव की स्थिति गंभीर हुई, महिला को ओटी में ले जाया गया। लेकिन बिजली नहीं आने पर नर्सें बाहर गईं और वहां मौजूद एक व्यक्ति से मोबाइल लेकर उसकी टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी कराई।
मोबाइल की रोशनी में ही प्रसव कर महिला को टांके भी लगाने पड़े। इस पूरी प्रक्रिया में महिला चिकित्सक रिपिका डेनियल और नर्स की तत्परता से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहे। डॉक्टर और स्टाफ के इस प्रयास की प्रशंसा हो रही है। दूसरी ओर स्वास्थ्य केंद्र की लचर स्थिति ने विभाग की लापरवाही को फिर उजागर कर दिया।
बिजली न रहने के कारण अन्य वार्डों का भी हाल खराब था। गर्मी से जूझ रहे मरीजों को परिजन गमछे से हवा करते नजर आए। हालात देखकर साफ महसूस होता है कि स्वास्थ्य सेवाओं का हाल खुद बीमार है।
इस मामले पर तखतपुर बीएमओ उमेश कुमार ने बताया कि पूरे दिन बिजली बंद रहने से इनवर्टर भी साथ नहीं दे सका। इमरजेंसी में प्रसूता की जान बचाने के लिए मजबूरी में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करानी पड़ी।
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