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Bilaspur Teacher News:– शासन के निर्देशों की अनदेखी कर शिक्षिका का किया गया अटैचमेंट, सहायक आयुक्त और बीईओ की मिलीभगत उजागर

Bilaspur Teacher News:– शासन के निर्देशों की अनदेखी कर शिक्षिका का किया गया अटैचमेंट, सहायक आयुक्त और बीईओ की मिलीभगत उजागर

Bilaspur Teacher News:– जहां एक ओर शासन शिक्षकों के अटैचमेंट समाप्त करने और युक्तियुक्तकरण लागू करने के आदेश दे रहा है, वहीं बिलासपुर जिले में अफसरशाही ने इन निर्देशों को दरकिनार कर दिया है। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने एक शिक्षिका को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में हॉस्टल अधीक्षक के पद पर भेजने का आदेश जारी किया। इसी आदेश पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने एनओसी भी जारी कर दी।

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Bilaspur बिलासपुर। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शासन ने प्रदेशभर में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि अब किसी भी शिक्षक का अटैचमेंट अन्य विभागों या कार्यालयों में नहीं होगा। इसके बावजूद आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने सुशीला काठले, सहायक शिक्षिका (एलबी), प्राथमिक शाला ब्लदीपारा, संकुल भाड़म, ब्लॉक तखतपुर को बिल्हा ब्लॉक स्थित अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में अधीक्षिका पद पर पदस्थ कर दिया।

शिक्षिका बनी हॉस्टल अधीक्षिका, सहायक आयुक्त ने निकाला आदेश:–

सुशीला काठले ने स्वयं आवेदन प्रस्तुत कर हॉस्टल अधीक्षिका बनने की इच्छा जताई थी। इस पर सहायक आयुक्त ने एकल आदेश जारी कर उन्हें बिल्हा ब्लॉक के छात्रावास में अधीक्षिका पद पर नियुक्त कर दिया।

आदिम जाति विभाग के निर्देशों की अनदेखी:–
17 जून 2025 को आदिम जाति विकास विभाग महानदी भवन, नया रायपुर से जारी आदेश में यह स्पष्ट था कि अधीक्षक के रिक्त पदों पर अस्थायी व्यवस्था के तौर पर केवल उन्हीं शिक्षकों को प्रभार दिया जाए जिनके स्कूल छात्रावास के पास हों। साथ ही यह भी कहा गया था कि ऐसे शिक्षक स्कूल में दो पीरियड पढ़ाने के लिए बाध्य रहेंगे। मगर सुशीला काठले को सीधे दूसरे ब्लॉक भेजे जाने से न तो स्कूल में पढ़ाई संभव होगी और न ही शासन की मंशा पूरी होगी।

दूसरे ब्लॉक भेजने पर उठे सवाल:–
तखतपुर ब्लॉक में पदस्थ शिक्षिका को सीधे बिल्हा ब्लॉक भेजना शासन के आदेश का उल्लंघन है। जबकि बिल्हा के उसी परिसर में अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास पहले से है, जहां अधीक्षिका पदस्थ हैं। यदि प्रभार देना ही था तो वहीं की अधीक्षिका को अतिरिक्त दायित्व सौंपा जा सकता था। लेकिन ऐसा न कर एक अन्य ब्लॉक से शिक्षिका को बुलाकर अटैचमेंट किया गया।

बीईओ ने दिया एनओसी:–
सहायक आयुक्त ने आदेश में 15 दिनों के भीतर बीईओ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने की शर्त रखी थी। बीईओ ने तुरंत एनओसी जारी कर दी, जिसके बाद शिक्षिका ने अधीक्षिका का चार्ज भी ले लिया। यह पूरा प्रकरण शासन के आदेशों की अनदेखी और स्थानीय अधिकारियों की मनमानी को उजागर करता है।

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