Bilaspur Coal Mafia News:– कोल माफिया बेलगाम, बिलासपुर में काले हीरे की खुली लूट, हर दिन लाखों का खेला

Bilaspur Coal Mafia News:– कोल माफिया बेलगाम, बिलासपुर में काले हीरे की खुली लूट, हर दिन लाखों का खेला

Bilaspur Coal Mafia News:– | बिलासपुर
रतनपुर में चल रहे कोयला घोटाले ने अब एक सच्चाई को बेनकाब कर दिया है—खनिज विभाग खुद संदेह के घेरे में है। खदानों से लेकर कोल डिपो तक जो अवैध खेल चल रहा है, वह विभाग की जानकारी और मौन सहमति के बिना संभव ही नहीं। सवाल यह नहीं कि चोरी हो रही है या नहीं, सवाल यह है कि खनिज विभाग आंख मूंदकर क्यों बैठा है?
Bilaspur Coal Mafia News:– बिलासपुर | महामाया धाम धार्मिक आस्था की पहचान रतनपुर इन दिनों कोल माफियाओं की बेशर्मी और प्रशासनिक नाकामी का गवाह बन चुका है। यहां “काला हीरा” अब खदान से निकलते ही माफियाओं की तिजोरी में पहुंच रहा है और शासन सिर्फ तमाशबीन बना बैठा है। खुलेआम कोयले की अफरा-तफरी, दिन-दहाड़े लूट और रातों में सौदे—सब कुछ सिस्टम की नाक के नीचे हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक खदानों से निकली बेशकीमती कोयले से लदी ट्रेलरें सीधे कोल डिपो पहुंचती हैं। वहां महंगे ब्रांड का कोयला चुपचाप उतार लिया जाता है और उसकी जगह घटिया, स्तरहीन कोयला भर दिया जाता है। यही से शुरू होता है लाखों-करोड़ों रुपये का काला कारोबार, जिसमें हर खेप के साथ शासन के राजस्व पर डाका पड़ रहा है।
मां तारा कोल डिपो बना अवैध कारोबार का अड्डा
बेलतरा–रतनपुर–बिलासपुर मार्ग पर स्थित मां तारा कोल डिपो सहित कई कोल डिपो इन दिनों अवैध गतिविधियों के केंद्र बने हुए हैं। आरोप है कि यहां प्रशासनिक शह में खुलेआम कोयले की हेराफेरी हो रही है। अंबिकापुर, चोटिया और रानी अटारी खदानों का कीमती कोयला रोज यहां “गायब” किया जा रहा है।
दिन भी माफियाओं का, रात भी माफियाओं की
यह खेल सिर्फ अंधेरे तक सीमित नहीं है। दिन-दहाड़े ट्रेलरों में कोयले की अदला-बदली होती है और कोई पूछने वाला नहीं। “सइयां भए कोतवाल तो डर काहे” की कहावत यहां अक्षरशः सच साबित हो रही है।
सब जानते हैं, फिर भी सब खामोश
नेता, मंत्री, अफसर—सबको इस अवैध खेल की जानकारी है, लेकिन कार्रवाई शून्य है। सूत्र बताते हैं कि हर महीने मोटी रकम ऊपर तक पहुंचाई जाती है, इसी ‘सेटिंग’ के चलते माफियाओं के हौसले आसमान छू रहे हैं।
कलेक्टर तक पहुंचेगी शिकायत
आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप ठाकुर ने तमाम दस्तावेजों, फोटोग्राफ्स और पुख्ता सबूतों के साथ जिला कलेक्टर से शिकायत करने की तैयारी कर ली है। उनका दावा है कि इन कोल डिपो में प्रतिदिन 15 से 20 ट्रेलर कोयले की हेराफेरी हो रही है, जिससे शासन को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
थाना प्रभारी का बयान
इस पूरे मामले पर रतनपुर आरक्षी केंद्र के थाना प्रभारी निलेश पांडे का कहना है—
“शिकायत मिलने पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। मैंने हाल ही में ज्वाइन किया है, पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।”
सवाल साफ है—
जब सब कुछ सामने है, तो कार्रवाई कब होगी?
या फिर रतनपुर में कोल माफियाओं का राज यूं ही चलता रहेगा और शासन की तिजोरी रोज लुटती रहेगी?

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