Mungeli News : – पुलिस को बाप बनने का चरमराया शौक, आरटीआई एक्टिविस्ट ने निलंबन नहीं होने पर एनएचआरसी जाने की दी चेतावनी, देखें वीडियो

Mungeli मुंगेली। मुंगेली जिले से सामने आए एक वीडियो ने छत्तीसगढ़ में पुलिस की कार्यप्रणाली और संवेदनशीलता को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। वायरल वीडियो में कथित आरोपियों से सड़कों पर “पुलिस हमारी बाप है” जैसे नारे लगवाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के सामने आने के बाद यह मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है और पुलिस अधिकार, संवैधानिक मर्यादा और मानवीय गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
https://youtu.be/2q3Zzqhb31E?si=X_kLni25eJ4vfhka

वीडियो को प्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है। वही उन्होने न्यायधानी .कॉम बात करते हुए स्पष्ट रूप कहा कि पुलिस का दायित्व केवल कानून के अनुसार कार्रवाई करना है, न कि सार्वजनिक रूप से किसी व्यक्ति को अपमानित करना। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर किस कानून ने पुलिस को किसी नागरिक से इस तरह के नारे लगवाने का अधिकार दिया।
कुणाल शुक्ला का कहना है कि यह घटना केवल पुलिसिया सख्ती का मामला नहीं है, बल्कि यह मानव गरिमा के खिलाफ है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन करती है। उनका मानना है कि यदि ऐसी घटनाओं पर समय रहते रोक नहीं लगी, तो कानून और आम नागरिकों के बीच विश्वास की खाई और गहरी हो सकती है।👇
https://x.com/kunal492001/status/2001317815736013121?s=46
इस पूरे प्रकरण को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कुछ दिनों के भीतर जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों, विशेष रूप से संबंधित थानेदार अमित गुप्ता, के खिलाफ कार्रवाई या निलंबन नहीं किया गया, तो वे इस मामले को सीधे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक ले जाएंगे।
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