चतुर्थ श्रेणी से प्रभारी CMO तक: बोदरी नगर पंचायत में पद की मर्यादा तार-तार, ACB ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा

CG:– नगरीय प्रशासन मंत्री के शहर का हाल, रिश्वतखोरी में पकड़ी गई भारती साहू को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहते दे दिया गया था सीएमओ का प्रभार, वर्तमान में मूल पद है लैब टेक्नीशियन का
Bilaspur बिलासपुर।बिलासपुर जिले की बोदरी नगर पंचायत में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रभारी सीएमओ भारती साहू और सीएमओ कार्यालय में तैनात सुरेश सीहोरे को नक्शा पास कराने के एवज में 12 हजार रुपये लेते हुए कल रंगेहाथ पकड़ा। पीड़ित की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
चतुर्थ श्रेणी से प्रभारी सीएमओ तक का सफर
मामले की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारती साहू की मूल नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर हुई थी। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उन्हें बोदरी नगर पंचायत में प्रभारी सीएमओ का प्रभार सौंप दिया गया, जो सरकार बदलने के बाद भी कायम रहा। पिछले तीन सालों से भारती साहू इसी पद पर कार्यरत रहीं। उनका मूल पद उच्च शिक्षा विभाग, जीडीसी कॉलेज बिलासपुर में लैब टेक्नीशियन का है। जुलाई 2025 में उन्हें प्रयोगशाला परिचारक से लैब टेक्नीशियन के पद पर प्रमोशन मिला।
प्रयोगशाला परिचारक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद होता है। भारती साहू की नियुक्ति इसी पद पर हुई थी। वर्षों तक वे सीएमओ के प्रभार पर बोदरी नगर पंचायत में तैनात रहीं। उच्च शिक्षा विभाग की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होने के बावजूद उन्हें प्रतिनियुक्ति में नगरीय प्रशासन विभाग में सीएमओ का जिम्मा सौंपा गया। कांग्रेस सरकार के दौरान दिया गया यह प्रभार भाजपा सरकार के आने के बाद भी नहीं बदला गया। पिछले तीन सालों से उनका बोदरी से कोई तबादला नहीं हुआ और न ही किसी अन्य अधिकारी को वहां भेजा गया। इस बीच जुलाई 2025 में उनका प्रमोशन सीएमओ पद पर भी हो गया।
एक दिन कॉलेज, फिर सीएमओ कार्यालय
जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई 2025 को प्रमोशन मिलने के बाद भारती साहू औपचारिक रूप से एक दिन के लिए लैब टेक्नीशियन के पद पर कॉलेज में कार्यभार संभालने गईं, लेकिन इसके बाद वापस आकर सीएमओ का प्रभार संभाल लिया। इसके बाद लगातार तीन वर्षों तक वे सीएमओ कार्यालय में कार्यरत रहीं।
नगरीय प्रशासन मंत्री के गृहनगर में स्थिति
नगरीय प्रशासन मंत्री का प्रभार वर्तमान में डिप्टी सीएम अरुण साव के पास है। अरुण साव भले ही मुंगेली जिले की लोरमी विधानसभा से विधायक हैं, लेकिन उनका प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यक्षेत्र लंबे समय से बिलासपुर जिला रहा है। वे बिलासपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता रह चुके हैं और डिप्टी एडवोकेट जनरल के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। सांसद रहते उनका सरकारी और निजी निवास बिलासपुर में था। डिप्टी सीएम के रूप में उनका क्षेत्रीय सरकारी निवास भी बिलासपुर जिले में स्थित है।
लगातार शिकायतें और पैसों की मांग का आरोप
सीएमओ भारती साहू के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आरोप है कि वे हर काम के लिए पैसों की डिमांड करती थीं। नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षद और स्थानीय लोग उनके रवैए से परेशान थे। चर्चा है कि नक्शा पास कराने सहित हर प्रशासनिक कार्य के लिए उनके द्वारा रेट तय किया जाता था, जिसका खुलासा अब एसीबी की कार्रवाई के बाद हुआ।




