CG:– ढोंढ़रीबेड़ा IED ब्लास्ट: ASP आकाश राव की शहादत में SIA ने चार नक्सलियों पर दर्ज की चार्जशीट

CG:– एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपूंजे की शहादत से जुड़े बहुचर्चित मामले में राज्य अन्वेषण अभिकरण (SIA) ने चार गिरफ्तार नक्सली आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है। चालान में स्पष्ट किया गया है कि यह आईईडी विस्फोट पूरी तरह सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। नक्सली नेता बसवा राजू के एनकाउंटर के बाद कोंटा एरिया कमेटी की बैठक में पुलिस को निशाना बनाने की रणनीति तैयार की गई थी।
Sukma सुकमा। सुकमा जिले के कोंटा थाना क्षेत्र में 9 जून 2025 को हुए आईईडी विस्फोट में शहीद हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरिपूंजे के मामले में SIA ने निर्णायक कार्रवाई की है। एजेंसी ने इस नक्सली हमले में संलिप्त चार आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह घटना राज्य में नक्सली हिंसा से जुड़े सबसे गंभीर मामलों में गिनी जा रही है, जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर किए।

इस हमले में ASP आकाश राव गिरिपूंजे शहीद हुए थे, जबकि उनके साथ मौजूद उप पुलिस अधीक्षक भानुप्रताप चंद्राकर और कोंटा थाना प्रभारी टीआई सोनल ग्वाला गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पोकलेन जलाने के बाद किया गया आईईडी विस्फोट :–
विवेचना में सामने आया कि घटना के दिन नक्सलियों ने कोंटा क्षेत्र के ढोंढ़रीबेड़ा स्थित पत्थर खदान में खड़ी पोकलेन मशीन को पहले आग के हवाले कर दिया था। सूचना मिलते ही ASP आकाश राव गिरिपूंजे, DSP भानुप्रताप चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसी दौरान नक्सलियों ने पहले से लगाए गए आईईडी को विस्फोटित कर दिया। धमाके की चपेट में आकर ASP गिरिपूंजे मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि DSP और टीआई गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस प्रकरण में थाना कोंटा में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103, 109, 190, 191(2), 324, 326(च), 61(2), आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (UAPA) के तहत अपराध दर्ज किया गया था।
SIA को सौंपी गई जांच :–
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच राज्य अन्वेषण अभिकरण (SIA) को सौंप दी थी। SIA की टीम ने सुकमा और कोंटा क्षेत्र में लगातार कैंप कर मुखबिर तंत्र को मजबूत किया और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया। विवेचना के दौरान ग्राम नीलामडगू के नक्सली सदस्यों की भूमिका उजागर हुई।
मुखबिर की सूचना पर नीलामडगू जन मिलिशिया अध्यक्ष सोढ़ी गंगा को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने नक्सली हितेश, माड़वी देवा सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की। उसकी निशानदेही पर एक जीवित विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई।
बसवा राजू एनकाउंटर के बाद बनी बदले की योजना :–
आगे की जांच में ग्राम नीलामडगू के अन्य नक्सली सदस्य सोढ़ी देवा, कुंजाम देवा और मुचाकी लखमा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इन सभी ने भी घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जून 2025 में नारायणपुर जिले में शीर्ष नक्सली नेता बसवा राजू के एनकाउंटर के बाद कोंटा एरिया कमेटी के नक्सली कमांडर वेटटी मांगडू ने बैठक बुलाई थी।
इस बैठक में नक्सली हितेश, माड़वी देवा, मडकम नंदे, सोढ़ी जोगी, मडकम सुनिता, मडकम अंजू और पोड़ियम गंगे शामिल थे। बैठक में पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों की हत्या करने और हथियार लूटने की विस्तृत रणनीति तय की गई, जिसके तहत ASP आकाश राव गिरिपूंजे और उनके स्टाफ पर हमला किया गया।
चार आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी :–
SIA की सतत जांच, तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर सूचना के आधार पर अब तक चार नक्सली आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ अभियोग पत्र दाखिल किया जा चुका है। एजेंसी के अनुसार, इस मामले में शामिल अन्य फरार नक्सलियों की तलाश जारी है और विवेचना आगे भी जारी रहेगी।
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