
भाटापारा।समय समय पर भाटापारा को परिभाषित करनें की घड़ी जब आती है तब राज्य स्तर पर अहम स्थान रखने वाली कृषि उपज मंडी,चांवल दाल पोहा के बड़े उत्पादक और निर्यातक तथा मुंबई हावड़ा प्रमुख रेल मार्ग एवं विभिन्न जिलों से बड़े सरोकार एवं बड़े बाजार के रुप मे क्षेत्र परिभाषित होता है,यह सत्य भी है लेकिन इतने बड़े सरोकार वाले क्षेत्र मे जब सुविधाओं की बात होती है तब क्षेत्र आंकलन की कड़ी मे बहुत पीछे खड़ा नजर आता है,और यह विडम्बना ही है कि लोकतांत्रिक युग मे व्यापक जन सरोकार के बाद भी क्षेत्र की जन सुविधाओ के मामले मे कदम कदम पर उपेक्षा के दृश्य उपस्थित होतें है।

स्वास्थ्य प्रकल्प उपेक्षा की बड़ी बानगी
मानव जीवन का सबसे अहम और संवेदनशील मसला है स्वास्थ्य लेकिन भाटापारा मे इस मसले को लेकर भी किस कदर उपेक्षा के दृश्य विद्यमान हैं यह क्षेत्र वासियों से बखूबी समझा जा सकता है,स्वास्थय गत सुविधाओ का आलम यह है कि थोड़ी सी स्वास्थ्य गत परेशानी उत्पन्न होनें पर यहां के निवासियों को अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है,सक्षम तो विपदा की इस परिस्थिति को किसी भी प्रकार झेल लेतें है लेकिन आम आदमी के लिए यह परिस्थिति भयानक दुःस्वप्न की तरह गुजरती है, क्योकि अन्य शहर मे मंहगी चिकित्सा के इलाज का खर्च और आने जाने रहने का व्यय एक आम आदमी की आर्थिक जमीन हिला देता है।
आयुष्मान की राहत का अभाव
विगत दिनों क्षेत्र के विधायक इन्द्र साव द्वारा विधानसभा मे स्वास्थ्य विषयक प्रश्न उठाए गये,उपरोक्त प्रश्नों मे आयुष्मान संबंधी प्रश्न भी शामिल थे,जिसके तहत यही खुलासा हुआ कि भाटापारा मे मात्र एक निजी अस्पताल मे आयुष्मान की सुविधा संचालित है,और यह विडम्बना ही है कि जिस अस्पताल मे यह सुविधा संचालित है वहां महज अस्थि से जुड़े समस्याओं की विशेषज्ञता है,अब सवाल उठता है कि अन्य समस्या होनें पर भाटापारा मे आयुष्मान योजना के तहत इलाज मे मिलने वाली सरकार की राहत की पात्रता नहीं है,अर्थात भाटापारा मे आयुष्मान योजना भी रिफर को ही प्रोत्साहित कर रही है,और स्थानीय स्तर पर इस महत्वपूर्ण योजना से जनमानस को वंचित कर रही है।

विधायक इन्द्र साव का कथन
इस संबंध मे विधायक इन्द्र साव से चर्चा करनें पर उनके द्वारा भी वर्तमान मे क्षेत्र के स्वास्थ्य विषयक परिस्थिति पर चिंता जाहिर की गयी,तथा इस दिशा मे हर संभव प्रयास और संघर्ष का आश्वासन उनके द्वारा दिया गया,साथ ही साथ उन्होने यह भी कहा कि इस विषय को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी रखा जायेगा एवं आयुष्मान योजना के भाटापारा मे विस्तार की मांग रखी जाएगी। देखना यही है कि भाटापारा की स्वास्थ्य विषयक पीड़ा अभिव्यक्त होने के बाद अब व्यवस्था द्वारा इस दिशा मे किस प्रकार संज्ञान लिया जाता है।
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