
News:– शादी के बाद दहेज के लिए विवाहिता से मारपीट व प्रताड़ना के मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर पुरानी आईपीसी व नई बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया हैं।
Bilaspur बिलासपुर। दहेज प्रार्थना के मामले में पुलिस ने पुरानी इंडियन पेनल कोड और नई भारतीय न्याय सहिंता के तहत एफआईआर दर्ज की है। एक ही एफआईआर में नई व पुरानी दोनों धाराएं लगाई गई हैं। प्रदेश का यह संभवतः पहला मामला हैं। मामला कोटा थाना क्षेत्र का हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कोटा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता को शादी के बाद दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित कर मारपीट की जा रही थीं। पीड़िता ने घटना की शिकायत कोटा थाने में दर्ज करवाई। पुलिस ने इस पर आईपीसी और बीएनएस की धाराओं में अपराध दर्ज ( अपराध क्रमांक 544/24) कर लिया है और मामले की विवेचना कर रही है । महिला की शादी 4 महीने पहले हुई हैं। महिला की शिकायत के अनुसार शादी के एक सप्ताह बाद ही उसे पति और ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे और उस पर मारपीट कर मायके से रुपए लाने का दबाव बनाने लगे। पर वह प्रताड़ना सह कर भी ससुराल में ही रह रही थी। महिला के मायके वालों ने पति और ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की। पर ससुराल वालों का इस पर कोई असर नहीं पड़ा।

परेशान होकर महिला ने कोटा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 498, ए 506 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) व 351(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस दोनों कानून के तहत मामले की जांच कर रही है। मामले में कोटा एसडीओपी नूपुर उपाध्याय ने बताया कि महिला को शादी के बाद से दहेज के लिए प्रताड़ित और धमकी और गाली गलौज की जाती थी। इसके साथ ही नया कानून लागू होने के बाद उसके साथ मारपीट की गई इसके कारण आरोपी के खिलाफ नए और पुराने कानून की धाराओं में जुल्म दर्ज किया गया है।
क्यों हुआ ऐसा:–
दिनांक 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद 1 जुलाई के बाद घटित होने वाले अपराधों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज करना है। पर ऐसे अपराध जो 1 जुलाई के बाद दर्ज तो किए जा रहे हैं पर उसका घटनाक्रम 1 जुलाई के पहले का है तो उस पर पुरानी आईपीसी की धाराओं के तहत ही अपराध दर्ज कर विवेचना की जाती हैं। 1 जुलाई के बाद घटित अपराधों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज किए जा रहे हैं। उक्त मामलों में पीड़िता के साथ मारपीट व दहेज प्रताड़ना 1 जुलाई के पहले भी हुआ है और 1 जुलाई के बाद भी हुआ है इसलिए दोनों के तहत इसमें अपराध दर्ज किया गया है।
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