छत्तीसगढ़

C.G news:– नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड अभ्यर्थियों के द्वारा मंत्रालय पहुंचकर फुटपाथ में बैठ मांगी गई नौकरी

Raipur :– नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने मंत्रालय पहुंचकर जमीन में बैठ धरना दिया। 2 अक्टूबर से अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डंटे हुए हैं।

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Raipur रायपुर। नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन लगातार 12वीं दिन की जारी है। धरना स्थल में ही दशहरा मनाने के बाद अभ्यर्थियों ने आज मंत्रालय महानदी भवन पहुंचकर नौकरी की मांग की। इस दौरान अभ्यर्थियों ने मंत्रालय के सामने फुटपाथ पर बैठे की मांग का बैनर ले नौकरी देने हेतु नारे लगाए। शिक्षा सचिव से मिलने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों को कल शिक्षा सचिव से मिलने का आश्वासन देने पर वे धरने से उठे।

डीएड डिप्लोमा अभ्यर्थी 2 अक्टूबर से राजधानी रायपुर के तूता स्थित धरना प्रदर्शन स्थल में नौकरी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर चाय बेचने, जल समाधि लेने, चौक चौराहा पर पोस्ट लहरा कर नौकरी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया है। अनिश्चितकालीन हड़ताल में डटे अभ्यर्थी दशहरे के दिन भी घर नहीं गए और धरना स्थल में ही रावण जलाकर प्रदर्शनकारियों ने दशहरा मनाया। नौकरी नहीं मिलने पर आज 300 से अधिक अभ्यर्थी महानदी भवन मंत्रालय नया रायपुर पहुंचे और नौकरी की मांग की।

अभ्यर्थियों ने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश अनुसार उन्हें जल्द से जल्द नौकरी दी जाए। हाईकोर्ट के आदेश को आए 8 माह हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी यादव मन हो गए पर सरकार और विभाग द्वारा उनकी नियुक्ति हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिना सुविधा के धरना स्थल पर बैठे अभ्यर्थियों में से तीन की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। पर आज तक तूता धरना स्थल में सरकार और विभाग की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि अभ्यर्थियों की सुध लेने अब तक नहीं पहुंचा है। मानसिक रूप से परेशान होकर बड़ी संख्या में आज अभ्यर्थी मंत्रालय पहुंचे। यहां वे शिक्षा सचिव से मिलने की मांग को लेकर मंत्रालय के सामने जमीन पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने शिक्षा सचिव से मिलने की मांग की। अभ्यर्थी शिक्षा सचिव से मिलने के लिए अड़े थे। जिस पर एसडीएम ने उन्हें कल शिक्षा सचिव से मिलने का आश्वासन दिया तब अभ्यर्थी लौटे।

यह हैं आंदोलन की वजह:–

सहायक शिक्षक के पदों पर बीएड डिग्रीधारियों को दी गई नियुक्ति को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध ठहरा दिया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक बीएड अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी जाने के डर से बीएड अभ्यर्थियों ने सीएम से कोई रास्ता निकालने की मांग की थी। जिस पर सीएम ने उन्हें कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था।

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अब तक डीएड अभ्यर्थियों को बीएड अभ्यर्थियों की जगह सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई है। इसके अलावा स्कूलों में और भी पद सहायक शिक्षक के रिक्त हैं। पिछले दिनों बिलासपुर के अंबेडकर चौक से डीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने न्याय देने की मांग करते हुए न्याय यात्रा निकाली। नारेबाजी करते हुए बेरोजगार युवाओं मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा था। इसी तरह का प्रदर्शन अन्य जिलों में भी किया गया था। अभ्यर्थियों की मांग थी कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करने का फैसला निरस्त किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के 2008 के सेटअप कोई यथावत रखकर नई भर्ती की कार्यवाही शुरू की जाए। प्रदेश के स्कूलों में छत्तीसगढ़ी में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा धारियों के लिए पोस्ट क्रिएट कर भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया के लंबे समय तक नहीं होने पर उम्र सीमा बीत चुके अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए।

डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात विधानसभा चुनाव के दौरान कही थी। तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी,पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। आंदोलनकारियो ने बताया कि पिछले 1 सालों से हम मानसिक यातना और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट और 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और विभाग को आदेशित किया है कि संविधान और न्यायालय का सम्मान कर योग्य डीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति दी जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि साल भर की लड़ाई लड़ने के बाद जीत हासिल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने नियुक्ति देने की मांग की थी। अब इन्हीं मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चित काल तक राजधानी के तूता स्थित धरना प्रदर्शन स्थल पर धरना दिया जाएगा।

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