सरगुजा जिले के महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा,संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से अंब्रेला योजना अंतर्गत मिशन शक्ति की शुरुआत

भारत सरकार ने की है और मिशन शक्ति अंतर्गत ही तीन पदों पर कुल आठ नियुक्तियां सरगुजा जिले में की जाने वाली थीं और जो प्रक्रिया पूर्व की ही कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जारी थी और जिसमें अब जाकर अभ्यर्थियों की पात्र-अपात्र सूची का प्रकाशन हुआ है जिसमें धांधली और चयन समिति द्वारा परिवारवाद चलाया जा रहा है ऐसा आरोप लग रहा है। मिशन शक्ति अंतर्गत सरगुजा जिले में मिशन समन्वयक,जेंडर विशेषज्ञ, डाटा एंट्री ऑपरेटर के तीन पदों के लिए कुल आठ पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था,जिसमें जो पात्र-अपात्र सूची का प्रकाशन कर दावा आपत्ती आमंत्रित की गई है,उसमें यदि नजर डाली जाए तो सूची में मिशन समन्वयक के पद पर जिस अभ्यर्थी को पात्र और अधिक अंकों के साथ पात्र घोषित किया गया है वह बीएसडल्यू डिग्रीधारी है वहीं वह पीजीडीसीए की भी अहर्ताधारी है और वह अनुभव भी एक संस्थान से इतनी ग्रहण कर चुकी है कि उससे अधिक किसी के पास अनुभव भी नहीं है, वहीं उसकी यदि सबसे बड़ी योग्यता इस पद हेतु शिकायत अनुसार ढूंढी जाए तो वह है उसका तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला सरगुजा साथ ही सचिव चयन समिति की पुत्री होना जो तब तक चयन समिति के सचिव थे जिला सरगुजा के जब तक की पात्र अपात्र सूची का प्रकाशन नहीं हो गया था या जबतक उनके हस्ताक्षर नहीं हुए थे। हस्ताक्षर करके वह तबादले की जगह जरूर कार्यभार ग्रहण करने चले गए लेकिन अपनी पुत्री के लिए वह रोजगार का जुगाड बनाकर ही निकले सरगुजा से यह बताया जा रहा है!!
*परिवार के लोगों और परिचितों को नौकरी देने का मामला*
चयन समिति में ही सदस्य कार्यालय अधीक्षक के पुत्र का भी मामला है जो डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए पात्र है और जिसके अनुभव प्रमाण पत्र को भी देखा जाए तो वह एक मदरसे का है जो संदेह उत्पन्न करता है ऐसा लोगों का अभ्यर्थियों का आरोप है। वैसे तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला कोरिया साथ ही चयन समिति के सचिव की पुत्री केवल एक ही पद के लिए पात्र नहीं हैं वह जेंडर विशेषज्ञ के लिए भी पात्र हैं और सबसे ऊपर ही उनकी वरिष्ठता है जैसा मिशन समन्वयक पद की वरिष्ठता में उनका नाम है। वैसे अब पात्र अपात्र वाली सूची देखकर अभ्यर्थियों का कहना है कि यह बड़ी धांधली है और यह भर्ती भी छत्तीसगढ़ की पीएससी भर्ती की तर्ज वाली भर्ती है, जहां अपने ही परिवार के लोगों और कार्यालय सहित परिचितों को नौकरी देने की कवायद जारी है और जिसके लिए फर्जी डिग्री और फर्जी अनुभव का सहारा लिया जा रहा है।
*चयन समिति के सचिव और सदस्य ने अपने पुत्र, पुत्री के नौकरी के लिए लगाया जुगाड*
पात्र-अपात्र सूची अनुसार तीन पदों के लिए जारी विज्ञापन के विरुद्ध जो अभ्यर्थी पात्र और वरिष्ठ माने गए हैं वह चयन समिति के सचिव,(तत्कालीन) की पुत्री और सदस्य के पुत्र हैं। कुल मिलाकर अपने ही बेटे बेटियों को पदों के लिए योग्य और पात्र घोषित किया गया है ऐसा आरोप लग रहा है। वैसे बताया जा रहा है कि तत्कालीन सचिव चयन समिति साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ कार्यालय अधिक्षक ने मिलकर अपने बेटे बेटी की नियुक्ति का रास्ता तय कर लिया है और वह अब अंतिम चरण में है प्रक्रिया। वैसे अभी दावा-आपत्ती का समय दिया गया है लेकिन अन्य अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन समिति में रहकर दोनों ने ऐसा जुगाड जरूर बना लिया होगा जिससे शिकायत या दावा-आपत्ती होने पर भी वह खारिज हो जाए और वह अमान्य हो जाए। वहीं अन्य अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि सचिव साथ ही सदस्य बनकर दोनों ने ऐसा जुगाड कर ही लिया होगा कि आगे किसी शिकायत से कोई समस्या उत्पन्न न होने पाए।
*महिला बाल विकास में दावा आपत्ति*
दिनांक 20-11-2024 को इस मामले में दावा आपत्ति लगाया गया है अब देखना यह बाकी है की क्या महिला बाल विकाश के कार्यक्रम अधिकारी इस मामले को किस प्रकार संज्ञान में लेकर किस तरह से उचित करवाई करते हैं।।
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