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5वीं- 8वीं बोर्ड पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : निजी स्कूलों में परीक्षाएं नहीं ले सकेगी राज्य सरकार

बिलासपुर / प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले पांचवी और आठवीं के विद्यार्थियों के लिए केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षा लेने के राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने आदेश जारी किए हैं। फैसले के बाद अब प्राइवेट स्कूल पूर्व की तरह अपने स्कूल के पास और आठवीं के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा ले सकेगी। उन्हें केंद्रीकृत बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होना पड़ेगा। वहीं यदि जो विद्यार्थी स्कूल शिक्षा विभाग की केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षा में शामिल होना चाहिए उनके लिए यह विकल्प खुला रखा गया है। 

बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज पांचवी–आठवीं कक्षाओं के बोर्ड परीक्षा लेने पर रोक लगा दी है। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए इसे एक्छिक कर दिया गया है। इसके बाद निजी स्कूल केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षाओं से बाहर हो गए हैं। 3 दिसंबर 2024 को स्कूल शिक्षा सचिव ने आदेश जारी करते हुए  पांचवी और आठवीं के सभी विद्यार्थियों के लिए केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षा लेना अनिवार्य कर दिया था। इस परीक्षा के लिए उन पुस्तकों से परीक्षा लिया जाना था जो स्कूल में इस वर्ष पढ़ाए नहीं गए हैं।  बीच सत्र में  बोर्ड परीक्षा का निर्णय लेकर नए सिलेबस से परीक्षा का आयोजन किया जाना था। जिसके चलते प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और पैरेंट्स एसोसिएशन इसका विरोध कर रहे थे। कई स्कूलों में पांचवी– आठवीं में सीबीएसई मान्यता एडमिशन दिया गया था। यहां स्कूल स्तर पर परीक्षा होनी थी तब तक तो कोई दिक्कत नहीं थी पर केंद्रीय कृत  बोर्ड परीक्षा के आदेश जारी होने के बाद यह दुविधा शुरू हो गई थी कि यहां के छात्रों को सीजी बोर्ड के अभ्यर्थी के तौर पर परीक्षा देनी पड़ती। क्योंकि इन स्कूलों में सीबीएसई मान्यता का झांसा दे प्रवेश दिया गया था और अपने स्तर पर परीक्षा लेने के पैटर्न के चलते निश्चिंत थे। जबकि इन्हें सीजी बोर्ड की मान्यता थी। जिसके चलते स्कूल के विद्यार्थियों को साल भर सीबीएसई का सिलेबस पढ़ने के बाद सीजी के सिलेबस से परीक्षा देनी पड़ती। ऐसे स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों ने हंगामा भी किया था।

2010–11 में पांचवी–आठवीं की बोर्ड परीक्षा खत्म कर दी गई थी। पर इसके बाद शिक्षा के गिरते स्तर को देखते हुए फिर से बोर्ड परीक्षा लिए जाने का निर्णय लिया गया। पर बीच सत्र  में इसे लागू करने के चलते प्राइवेट स्कूल और अभिभावाक ईसका विरोध कर रहे थे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग थी कि केवल इस सत्र में उन्हें केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षा से छूट दी जाए क्योंकि इस  साल उन्होंने विद्यार्थियों को उन किताबों से नहीं पढ़ाया है जिससे बोर्ड परीक्षा ली जानी है। जिसके चलते हाईकोर्ट ने इसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी। आज जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में तर्क प्रस्तुत किया गया है कि जिन निजी स्कूलों को इस निर्णय में शामिल किया गया है उनसे शिक्षा विभाग में कोई सलाह नहीं ली थी। सुनवाई के बाद जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं पर रोक लगा दी। प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन और दो अन्य याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि राज्य सरकार बीच सत्र में प्राइवेट स्कूलों पर यह नियम लागू नहीं कर सकती। यह स्कूल अपने स्तर पर पहले की तरह पांचवी और आठवीं की परीक्षा आयोजिय करेंगी। वहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले जो छात्र केंद्रीयकृत बोर्ड परीक्षा दिलाना चाहता है उसके लिए यह विकल्प दिया गया है कि वे  अपनी इच्छा से प्राइवेट स्कूलों द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हो या बोर्ड परीक्षा में  शामिल हो।  आदेश जारी होने से स्पष्ट हो गया है कि अब राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों में पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षा नहीं लगा। वहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले अभ्यर्थी चाहे तो केंद्रीय के बोर्ड परीक्षा में अपनी मर्जी से शामिल हो सकते हैं। प्राइवेट स्कूल अब अपनी परीक्षाएं को आयोजित कर सकेंगे। वही सरकारी स्कूल में पांचवी और आठवीं की परीक्षा पहले की तरह जारी रहेंगे।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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