
रायपुर: छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है! महावीर कोल वॉशरीज प्राइवेट लिमिटेड (MCWPL) और मधुसूदन अग्रवाल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (MAPPL) के खिलाफ बैक–टू–बैक सर्वे में ₹45 करोड़ की कर चोरी उजागर हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, MCWPL के निदेशक ने 30 करोड़ और MAPPL के संचालकों ने 25.10 करोड़ की कर चोरी स्वीकार की है। दोनों कंपनियों को तगड़ी फटकार लगाते हुए 15 मार्च तक क्रमशः 10 करोड़ और 8.5 करोड़ का अग्रिम कर जमा करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही अतिरिक्त दंड भी लगाया जाएगा।
कैसे हो रही थी कर चोरी?
जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं! कंपनियां—
✅ कैश सेल्स को छुपाकर टैक्स बचा रही थीं।
✅ स्टॉक की हेराफेरी कर असली कमाई छिपाई गई।
✅ नकद लेन-देन को बैंकिंग सिस्टम से बाहर रखकर बड़ी रकम को टैक्स नेटवर्क से दूर रखा गया।
✅ बेहिसाबी आय से की गई अचल संपत्तियों में भारी इन्वेस्टमेंट भी सामने आया।
आयकर विभाग का सख्त रुख!
आयकर अधिनियम की धारा 133(A)(1) के तहत इस सर्वे के दौरान कंपनियों के इंटर–कंपनी ट्रांजेक्शन, आय शिफ्टिंग और अप्रमाणित व्यय जैसे कई गड़बड़झाले उजागर हुए हैं। इस हाई–प्रोफाइल जांच की मॉनिटरिंग प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (CCIT) अपर्णा करन और प्रमुख आयकर आयुक्त (PCIT) प्रदीप हेडाऊ कर रहे हैं।
आयकर विभाग का कहना है कि इस कार्रवाई का मकसद राजस्व की लूट पर लगाम लगाना है और यह जांच अभी जारी रहेगी। यानी आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं!
Live Cricket Info