ChhattisgarhINDIAकांकेरछत्तीसगढ़बड़ी ख़बर

जनपद में करप्शन के खेल में अफसर, नेता मौन, कार्रवाई करेगा कौन…?

जनपद पंचायत में वापसी की तैयारी में जुटा भ्रष्ट बाबू, आदिवासी सरपंचों से मागे थे 25 परसेंट

सरपंचसचिवों ने बाबू के विरोध में सरकारी विकास कार्यों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

कांकेर। जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक को भ्रष्ट, बेईमान और कमीशनखोर लोगों की ऐशगाह माना जाता रहा है। जहाँ माओवादी हिंसा की आड़ में कुछ अफसर और उनके बाबू मलाई खाने का कोई मौका नहीं चुकते। ऐसे में एक बार फिर कमीशनखोर बाबू अपनी पोस्टिंग कराने की जुगाड़ में लगा हुआ है। नागरिक जीवन की सुविधाओं के लिए तरस रहे आदिवासी समाज की दिक्कतों के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार माने जाने वाले ये बाबू ही हैं जिन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

माओवाद प्रभावित इलाके में विकास कार्यों के लिए सरकार लाखों करोड़ो रूपये भेजती है। इस पैसे से आदिवासियों का भले ही विकास नहीं हो पा रहा है। मगर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अफसरों और बाबूओं की झोली जरूर भर रही है। यही कारण है कि कमीशनखोरी के आरोप लगने के बाद जब एक बाबू के खिलाफ जांच शुरु हुई तो उसने खुद को बीमार बताकर दूसरी जगह ट्रांसफर करवा लिया।

अब मामला शांत होने के बाद कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत में पदस्थ बाबू दोबारा वापसी की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक एक प्रभारी जनपद सीईओ के साथ मिलकर बाबू ने खुद का खूब विकास किया। लाखों करोड़ों की संपत्ति बनाई, जब भ्रष्ट बाबू के कमीशनखोरी के खिलाफ सरपंचों ने आवाज उठाई तो बाबू साहब ने खुद को बीमार बताकर दूसरी जगह ट्रांसफर करवा लिया।

मगर जैसे ही उसके अनुकुल मौहाल बना वह फिर से कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत में वापसी की तैयारी में जुट गया है। सरपंच सचिवों से 25 परसेंट कमीशन के बदले बिल पास करने वाला यह बाबू पुल पुलिया जैसे कार्यों को पास कराने के एवज में कमीशन की मांग करता था। स्थानीय विधायक और सांसद से भी इसकी शिकायत हो चुकी है उसके बाद भी पैसे और पॉवर का इस्तेमाल कर कमीशनखोरी का आदि हो चुका बाबू अपनी दोबारा पोस्टिंग करवाने की फिराक में है।

भ्रष्ट बाबू को जनहित में दूर रखा जाए: मंडावी

आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे भाजपा नेता लक्ष्मण मंडावी का दावा है कि कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत इलाके में भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों और बाबू को दोबारा पोस्टिंग देना सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है। उनका कहना है कि आदिवासियों के विकास कार्यों के लिए राज्य और केन्द्र सरकार लाखों करोड़ों रूपये भेजती है। उसमें कमीशनखोर अफसर और बाबू अपनी झोली भरते है। इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। कड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण भी बाबूओं के हौसले बुलंद हैं, कोई जांच और एफआईआर की कार्यवाही होने से ही कोयलीबेड़ा में भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।

  छत्तीसगढ़ कबड्डी प्रीमियर लीग 2025: कवर्धा सुपर किंग्स ने लगातार दूसरी बार जीता खिताब, मुंगेली को दी रोमांचक शिकस्त

आदिवासी समाज के युवाओं ने बताया कि कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरह रहे है। यहाँ भाजपा की विष्णुदेव सरकार नियद नेल्लानार के माध्यम से विकास कार्य करवा रही है। ऐसे समय में यदि कमीशनखोरी करने वाले अफसरों और बाबूओं की दोबारा तैनाती होती है तो यह भाजपा सरकार की योजनाओं पर पलिता लगाने का ही काम करेंगे। ऐसे में इन बाबूओं को यहाँ से दूर रखा जाना चाहिए।

भाजपा विधायक विक्रम उसेंडी ने भी इक बार इस भ्रष्ट बाबू के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसे आदिवासियों के लिए नासूर बताया था। उनका मानना था कि ऐसे कमीशनखोर बाबूओं की तैनाती से बीजेपी की छवि खराब होगी और आदिवासी समाज जो पहले ही गांवों में मूलभूत सुविधाओं की कमी झेल रहा है उसे और अधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में साफ सुथरी छवि के लोगों को ही कोयलीबेड़ा जैसे संवेदनशील इलाके में रखना चाहिए।

अब देखने वाली बात है कि बीजेपी सांसद भोजराज नाग अपने इलाके में कमीशनखोर बाबू की पदस्थापना होने देते है या उसके गलत कार्यों की दोबारा जांच करवा कर उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते है।

सरकारी कार्यों का बहिष्कार करेंगे सरपंच

इधर कोयलीबेडा जनपद पंचायत में कमीशनखोर बाबू की वापसी की चर्चा के बीच सरपंच सचिवों ने सरकारी कार्यों के बहिष्कार की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कमीशन देने के चक्कर में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता ठीक नहीं होती, जनता उन्हें कमीशनखोर कहती है ऐसे में बाबू को दोबारा पोस्टिंग दी गई तो वे सरकारी विकास कार्यों का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करेंगे।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Back to top button