एकदिवसीय नशा मुक्ति जन जागरण रैली : सत्य निजनाम बोध संस्थान ने दी आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा

संवाददाता : बिपत सारथी, पेंड्रा (छत्तीसगढ़)
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पड़खुरी गांव में सत्य निजनाम बोध संस्थान के तत्वावधान में एकदिवसीय नशा मुक्ति जन जागरण रैली और सत्य निजनाम सत्संग सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, श्रद्धालुओं और अनुयायियों ने भाग लिया।
आयोजन का उद्देश्य समाज को नशा मुक्त, मांसाहार मुक्त और आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर करना था। सत्य निजनाम बोध संस्थान की स्थापना 17 जून 1997 को जांजगीर-चांपा जिले के पोंड़ी राछा गांव में गुरु कबड्डीदास जी द्वारा की गई थी। वर्तमान में यह संस्था छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में सामाजिक जागरूकता का कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरुदेव सत्य कबड्डीदास जी ने कहा कि –
> “आज मानव समाज नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन, परिवार और समाज तीनों को संकट में डाल रहा है। बीड़ी, तंबाकू, गुटखा, शराब जैसे नशे सिर्फ शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि मानसिक और सामाजिक पतन का कारण भी बनते हैं।”
संस्थान के माध्यम से बलिप्रथा का विरोध, मांसाहार का परित्याग, शाकाहारी जीवनशैली को अपनाने और स्वच्छ जीवन व मानव धर्म की स्थापना की दिशा में कार्य किया जा रहा है। संस्था जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर एक एकीकृत मानव धर्म की बात करती है, जो समाज को जोड़ने का कार्य कर रही है।
गुरुदेव ने कहा कि मानव शरीर को एक मंदिर के रूप में मानकर उसमें सत्य निजनाम शक्ति का बोध कराना ही संस्था का मूल उद्देश्य है। यह आत्मबोध का मार्ग न केवल व्यक्ति के जीवन को रूपांतरित करता है बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वासों और धार्मिक भ्रांतियों को भी दूर करता है।
कार्यक्रम के अंत में गुरुदेव द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को दीक्षा दी गई और शुद्ध व सात्विक जीवन जीने का संकल्प दिलाया गया।
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