
बिलासपुर – झीरम घाटी की दर्दनाक घटना की बरसी पर कांग्रेस के तेज़तर्रार नेता और अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने बड़ा बयान दिया है। राय ने झीरम हमले को सिर्फ नक्सली हमला नहीं बल्कि एक राजनीतिक साज़िश करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से इसकी पुन: जांच की मांग की है।

श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे अभय नारायण राय ने कहा, “झीरम की घटना ने प्रदेश कांग्रेस की कमान को एक झटके में खत्म कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया गया, और यह संयोग नहीं, बल्कि कहीं न कहीं साज़िश की गंध देता है। आज तक इसकी गहराई से जांच नहीं हुई, जबकि यह जरूरत थी और आज भी है।”
राय ने नक्सल मोर्चे पर मिल रही सुरक्षा बलों की सफलता को भी लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारे बहादुर जवान, खासकर डीआरजी के जांबाज़, जिस तरह से नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं, वह काबिले तारीफ है। अब वक्त आ गया है जब इस हिंसक विचारधारा को पूरी तरह मिटा दिया जाए। पूरा देश चाहता है कि नक्सलवाद का खात्मा हो और शांति की बहाली हो।”
राजनीति में बयान के मायने
राजनीतिक गलियारों में राय के इस बयान को गंभीर सियासी संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस बयान से भाजपा और केंद्र सरकार पर भी अप्रत्यक्ष हमला किया गया है कि झीरम जैसे गंभीर हमले की जांच में अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए।
झीरम हमले की पृष्ठभूमि
25 मई 2013 को झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने घातक हमला किया था, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता – नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और विद्याचरण शुक्ल सहित कई नेता और कार्यकर्ता शहीद हो गए थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
अंत में राय ने भावुक होते हुए कहा –
“मैं झीरम के सभी शहीदों को नमन करता हूं। वे सिर्फ नेता नहीं थे, बल्कि विचारधारा के वाहक थे। उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी, बस जरूरत है सच्चाई को सामने लाने की और नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की।”
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