मुख्य सचिव की कुर्सी पर फिर जैन का जलवा,सेवा विस्तार की चर्चा ने बढ़ाई राजधानी में हलचल।सीआईसी बनने की अर्जी अब दिख रही फीकी,भाजपा राज में भी कायम कांग्रेस दौर की छवि?

मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवा विस्तार की संभावना, राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में बढ़ी हलचल
रायपुर, 27 मई ।छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन को आगामी छह माह का सेवा विस्तार मिलने की संभावना के साथ प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। आधिकारिक अधिसूचना फिलहाल लंबित है,लेकिन विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो इस संबंध में सभी प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी हैं।

जैन, जो 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, नवंबर 2020 में भूपेश बघेल सरकार के दौरान मुख्य सचिव बनाए गए थे। वर्तमान में उनकी सेवानिवृत्ति की निर्धारित तिथि 31 जुलाई 2025 है। हालांकि अब यह संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सरकार उन्हें सेवा विस्तार देकर पद पर बनाए रख सकती है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपेक्षा पर उठे सवाल
राज्य में सुभ्रत साहू, रेनू पिल्लै और मनोज पिंगुआ जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद, शासन द्वारा निरंतरता को प्राथमिकता देना कई प्रशासनिक और राजनीतिक समीक्षकों को असहज कर रहा है। यह स्थिति भाजपा के कुछ आंतरिक वर्गों में असंतोष का कारण बन रही है, जहां इसे कांग्रेस शासनकाल की प्रशासनिक विरासत के तौर पर देखा जा रहा है।
पूर्व विवादों की छाया भी चर्चा में
भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस शासन में जैन कुछ राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में सक्रिय रहे और ईडी व इनकम टैक्स जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई की आंच से भी बचे रहे।
इन नेताओं का यह भी कहना है कि ऐसे अफसरों का पुनर्नियुक्ति पाना शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
https://x.com/truth_finder04/status/1926955170547597810?s=48
पत्रकारों की निगाह में भी हलचल
दैनिक अंग्रेज़ी अखबार द हितवाद के समाचार संपादक मुकेश एस. सिंह ने X (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर टिप्पणी की है कि “प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं।”
https://x.com/truth_finder04/status/1926956043038277795?s=48
इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में चल रही गतिविधियों को और अधिक सार्वजनिक ध्यान मिला है।
रिटायरमेंट योजना से वापसी?
कुछ सप्ताह पहले ही अमिताभ जैन ने मुख्य सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किया था, जिससे यह संकेत मिला था कि वे सेवानिवृत्ति के बाद शासकीय सेवा के वैकल्पिक मार्ग की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि अब सेवा विस्तार की संभावनाओं के बीच यह विकल्प अप्रासंगिक होता प्रतीत हो रहा है।
राजनीतिक संतुलन की परीक्षा
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह निर्णय भाजपा सरकार के लिए एक परीक्षण के रूप में देखा जाएगा — जिसमें उसे प्रशासनिक निरंतरता, पार्टी के अंदरूनी मतभेदों और सार्वजनिक विश्वास के बीच संतुलन साधना होगा।
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