Jagdalpur News: अनपढ़ मां की जमीन पर गिद्ध दृष्टि—शिक्षक बेटे ने की धोखाधड़ी, महिला आयोग की फटकार “शिक्षक नहीं, कलंक हो तुम”

Jagdalpur News: बुज़ुर्ग मां ने बेटे को पढ़ाया–लिखाया, लेकिन बेटे ने मां की अनपढ़ता को ही हथियार बना लिया। शिक्षक होने के बावजूद नैतिकता को ताक पर रखकर बेटे ने न सिर्फ पुश्तैनी ज़मीन हड़प ली, बल्कि छोटे किसान भाई को भी बेदखल करने की साजिश रची। मामला जब राज्य महिला आयोग पहुंचा, तो सुनवाई के दौरान सच्चाई सामने आने पर आयोग की अध्यक्ष ने उसे जमकर फटकार लगाई और दो टूक कहा—“आप शिक्षक नहीं, समाज के माथे पर कलंक हैं।”
Jagdalpur News: जगदलपुर | 27 जून 2025 बस्तर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला उजागर हुआ है। एक सरकारी शिक्षक बेटे ने अपनी ही बुज़ुर्ग मां की अनपढ़ता और उम्र का फायदा उठाकर पुश्तैनी ज़मीन और मकान अपने नाम करा लिया। जब सच्चाई महिला आयोग की सुनवाई में सामने आई, तो आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक ने उसे जमकर लताड़ा और कहा—“आप शिक्षक नहीं, पूरे समाज पर कलंक हैं।”
90 साल की मां से छीनी संपत्ति, छोटे किसान भाई को किया बेदखल
यह मामला बस्तर के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक का है, जहां 90 वर्षीया महिला अपने छोटे किसान बेटे के साथ रह रही थीं। लेकिन करीब साल भर पहले उनका बड़ा बेटा, जो कि एक लेक्चरर है, उन्हें अपने साथ ले गया। इसके बाद उसने मां की अनपढ़ता का फायदा उठाकर डेढ़ एकड़ पुश्तैनी जमीन और मकान को अपने नाम करवा लिया।
जैसे ही छोटे बेटे को इसका पता चला, उसने विरोध दर्ज कराया। इस पर बड़े भाई ने पलटवार करते हुए मां के नाम पर महिला आयोग में ही शिकायत दर्ज करा दी।
“मेरी मां मर गई थी, मैंने जिंदा किया”—शर्मनाक तर्क से भड़का आयोग
जनसुनवाई के दौरान शिक्षक बेटे ने कहा—“मेरी मां तो मर गई थीं, मैंने उन्हें फिर से जिंदा किया है।”
इतना ही नहीं, उसने दावा किया कि जब वह पांचवीं कक्षा में था, उसी समय उसके पैसों से पिता ने वह ज़मीन खरीदी थी। इन बेतुके और गैर–जिम्मेदार बयानों पर अध्यक्ष किरणमई नायक ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा—
“अगर शिक्षक ही मां को लूटे, तो फिर समाज को क्या शिक्षा देगा?”
10 मामलों की सुनवाई, महिला उत्पीड़न पर आयोग का सख्त रुख
राज्य महिला आयोग ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कुल 10 मामलों की सुनवाई की। इनमें से अधिकांश मामले पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद और महिलाओं के साथ हुए अन्याय से जुड़े थे। आयोग ने हर केस में स्पष्ट संदेश दिया कि महिलाओं के अधिकारों से समझौता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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