ChhattisgarhINDIAछत्तीसगढ़जांजगीरबड़ी ख़बर

“राखड़ माफिया” का कब्जा – पूर्व पंच बना जमींदार, प्रशासन बना तमाशबीन!

राजेशवर तिवारी

जांजगीरचांपा। जिले की ग्राम पंचायत खोखरा इन दिनों चर्चाओं में हैवजह है शासकीय जमीन पर खुलेआम कब्जा और अवैध राखड़ (मलबा) डंपिंग का धंधा, वो भी गांव के ही एक पूर्व पंच के हाथों! ग्राम खोखरा वार्ड क्रमांक 4 के पूर्व पंच रमेश बरेठ पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन को ऐसे कब्जा लिया मानो वह उनकी पुश्तैनी संपत्ति हो! जमीन पर मलबा डंप किया जा रहा है, फिर उसे बेचा जाएगाऔर यह सब हो रहा है प्रशासन की नाक के नीचे!

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

माल डंप करो, पैसा बटोरों” – शासकीय ज़मीन बनी राखड़ डंपिंग यार्ड!

गांव वालों की मानें तो:

पहले तो पंचायत प्रतिनिधि रहते हुए सरकारी ज़मीन को पहचान लिया।

फिर मौके का फायदा उठाते हुए वहां ट्रेलरो से मलबा डंप करवाया।

अब वही मलबा ग्रामीणों को “बेचने” का धंधा चल रहा है।

ना पट्टा, ना अनुमति, ना ही किसी विभाग की NOC – सिर्फ “पूर्व पंच पद” का रसूख और अफसरों की चुप्पी।

शिकायतें हुईंजांच के नाम पर पंचनामाऔर फिर वही सन्नाटा!

गांव से कई बार तहसील को शिकायतें पहुंची।
तहसीलदार, पटवारीसबको सूचना है, लेकिन कार्रवाई का नामोनिशान नहीं।

  छग गृह निर्माण मंडल ने किया वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 का शुभारंभ

प्रशासन का जवाब – “मामले की जांच की जा रही है


ग्रामीणों का जवाब – “हम तो 6 महीने से सुन ही रहे हैं

सबके बडा सवाल

सरकारी जमीन पर मलबा डंप करने की अनुमति किसने दी?

पूर्व पंच के नाम कोई पट्टा या अधिकार पत्र है क्या?

अगर नहीं, तो फिर क्या प्रशासन की चुप्पी मिलीभगत का संकेत है?

गांव वाले बता रहे हैं कि:

“मेडिकल कॉलेज जैसी योजना पास में बननी थी, लेकिन जमीन पहले ही माफिया ने कब्जा ली, इसलिए कॉलेज दूर शिफ्ट हुआ!”

अब नए कलेक्टर आए है – उम्मीद की किरण या फिर वही ढाक के तीन पात?

जिले में हाल ही में नए कलेक्टर की पदस्थापना हुई है। अब जनता को उम्मीद है कि:

लापरवाही पर होगी कार्रवाई।

जमीन की पैमाइश, सीमांकन और वास्तविक उपयोगिता की जांच होगी। जनता का सवाल – क्या अफसर माफियाओं से डरते हैं? या कोई अंदरखाने की सेटिंग है? ये खबर सिर्फ कब्जे की नहीं है, ये प्रशासनिक सुस्ती की भी पोल खोलती है।
जब जनप्रतिनिधि ही कानून तोड़ने लगे और अफसर आंखें मूंद लें – तब लोकतंत्र शर्मिंदा होता है।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Back to top button