
🧨 व्हाट्सएप चैट से खुली वर्दीधारी ‘साजिश’ की परतें: SPS अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग तेज
🔴 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश एस. सिंह के ट्वीट से प्रशासनिक हलकों में मचा बवाल
🔴 डिप्टी एसपी और वसूली आरोपी आबिदी हसन की बातचीत में ‘सरिता सोनी‘ मामले पर आपराधिक संलिप्तता
🔴 ED निदेशक के नाम से फर्जी शिकायत बनाकर केंद्रीय एजेंसी को गुमराह करने की साजिश बेनकाब
✍🏻 कान्हा तिवारी
📍 स्बिलासपुर/रायपुर (छत्तीसगढ़) | 🗓️ दिनांकः 21 जून 2025
📌 वर्दी के भीतर साजिश का सबूत बना वायरल व्हाट्सएप चैट छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रतिष्ठान की निष्पक्षता को कठघरे में खड़ा कर दिया है। प्रदेश के चर्चित खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह द्वारा शेयर की गई एक वायरल व्हाट्सएप चैट में राज्य पुलिस सेवा के डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त वसूली आरोपी आबिदी हसन के बीच संवाद सामने आया है, जो सीधे तौर पर सरकारी पद के दुरुपयोग और संगठित अपराध में संलिप्तता को दर्शाता है।

📞 वायरल चैट: जब डिप्टी एसपी बोले – “विभाग वाले हरामी हैं सब”

व्हाट्सएप चैट की शुरुआत होती है एक पुलिस अधिकारी की विवादास्पद टिप्पणी से –
“विभाग वाले हरामी हैं सब।”
इसके जवाब में आबिदी हसन लिखता है:
“कोई बात नहीं, जब इंशाअल्लाह आप SSP बनना तो सबको डांटना।”
इसके बाद ‘सरिता सोनी’ नामक महिला के पति का नंबर भेजा जाता है —
“7987516095, राजेश सोनी… सरिता सोनी पटवारी का पति।”
इस बातचीत के कुछ दिन बाद व्हाट्सएप कॉल की टाइमलाइन भी सामने आती है, जो इस ‘संपर्क’ को केवल औपचारिक नहीं बल्कि सुनियोजित और सक्रिय साजिश के रूप में प्रमाणित करती है।
🕵️♂️ फर्जी ED शिकायत की योजना: सिस्टम को गुमराह करने की कोशिश
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे गंभीर मोड़ तब आता है जब यह खुलासा होता है कि आबिदी हसन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक के नाम से फर्जी शिकायत तैयार करवाई और उसकी रिसीविंग भी बनवाकर यह दिखाने का प्रयास किया कि मामला ED के संज्ञान में है।

यह हरकत न केवल केंद्रीय एजेंसी को गुमराह करने का प्रयास है बल्कि भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत गंभीर आपराधिक अपराध भी बनता है।
🎯 जहां न्याय होना चाहिए, वहां ब्लैकमेलिंग का गढ़?
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस अधिकारी की यह चैट सामने आई है, वह इस समय एक महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार–निरोधी एजेंसी में पदस्थ है।
इस संस्था को ही राज्य में संगठित अपराध, आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। अब उसी एजेंसी का अफसर ब्लैकमेलिंग, केस मैनेजमेंट और फर्जी शिकायतों की साजिश में फंसा है।
🗣️ मुकेश एस. सिंह का ट्वीट और उठते जनसवाल
👇👇
https://x.com/truth_finder04/status/1936409212017655924?s=46
पत्रकार मुकेश एस. सिंह द्वारा जैसे ही यह स्क्रीनशॉट्स सार्वजनिक किए गए, सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
राज्य के उच्च प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी। ट्वीट में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हैशटैग्स का प्रयोग कर मामले को वैश्विक फलक पर रखा गया।
🏛️ राजनीतिक तूफान: भाजपा हमलावर, कांग्रेस मौन
इस मामले में भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार और पुलिस महकमे पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
वहीं, कांग्रेस खेमे में अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जो राजनीतिक संरक्षण के आरोपों को और बल देती है।
Live Cricket Info