ईडी का ‘मोक्शित कॉर्प’ पर शिकंजा, 411 करोड़ घोटाले में लग्ज़री कारें जब्त, 2.5 करोड़ की बैंक संपत्ति फ्रीज

18 ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई में हवाला धन, करोड़ों की ज़मीन और रिश्वत का सुराग
पोर्श और फॉर्च्यूनर जब्त, मर्सिडीज और मिनी कूपर लापता; चोपड़ा का पिता भी गायब
मोक्शित डायरेक्टर की हिरासत के लिए ईडी विशेष अदालत से मांगेगी अनुमति
कान्हा तिवारी
रायपुर/दुर्ग/बिलासपुर, 30 जुलाई:
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मोक्शित कॉर्पोरेशन के निदेशक शशांक चोपड़ा से जुड़े 18 ठिकानों पर सघन तलाशी अभियान चलाकर लगभग 411 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया।

यह खबर ‘The Hitavada (द हितवाद)’ के समाचार संपादक और राज्य के वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह की विशेष रिपोर्टिंग पर आधारित है, जिन्होंने ईडी–आरपीज़ेडओ की कार्रवाई से जुड़ी जमीनी जानकारी और जब्त साक्ष्यों को प्रमुखता से उजागर किया।

यह तलाशी अभियान बुधवार सुबह 7 बजे रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में स्थित 10 आवासीय और 8 वाणिज्यिक परिसरों में एक साथ प्रारंभ किया गया। इस ऑपरेशन को रायपुर, नागपुर, रांची और विशाखापट्टनम से बुलाई गई ईडी की 50 सदस्यीय टीम ने अंजाम दिया, जिसमें 56 सशस्त्र सीआरपीएफ जवानों की भी तैनाती की गई थी।
ईडी को कई बैंकों में जमा ₹2.5 करोड़ की बेहिसाब राशि मिली, जिसे त्वरित रूप से फ्रीज़ किया गया। साथ ही कई लॉकरों की भी पहचान की गई है, जिनमें हवाला धन छिपा होने की संभावना जताई जा रही है। पोर्श और टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ियां ज़ब्त की गईं जबकि मर्सिडीज और मिनी कूपर की फाइलें तो मिलीं लेकिन गाड़ियां लापता हैं।
ईडी की साइबर फॉरेंसिक टीमों ने मौके से जब्त लैपटॉप, पेन ड्राइव और ईमेल्स का क्लोन बनाना शुरू कर दिया है। प्राथमिक विश्लेषण में फर्जी सेवा प्रदाताओं, शेल कंपनियों और रिश्वत नेटवर्क का पता चला है। इसके अलावा करोड़ों की ज़मीनों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी अब PMLA की धारा 5 के अंतर्गत संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। साथ ही शशांक चोपड़ा की न्यायिक हिरासत से पूछताछ के लिए विशेष पीएमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी ताकि सह–लाभार्थियों की पहचान हो सके और शेल कंपनियों से नकदी के प्रवाह को ट्रैक किया जा सके। चोपड़ा के पिता का पिछले छह महीनों से कोई सुराग नहीं मिला है और वे अब ईडी के निगरानी रडार पर हैं।
यह खुलासा छत्तीसगढ़ के अग्रणी अंग्रेज़ी समाचार पत्र ‘The Hitavada* (द हितवाद)’ के समाचार संपादक एवं वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह की विशेष रिपोर्टिंग पर आधारित है।

ईसीआईआर संख्या RPZO/07/2025, दिनांक 18 फरवरी 2025 को दर्ज की गई थी, जिसमें पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध हैं। इसके आधार में आईपीसी की धारा 409 व 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित) की धारा 13(1)(a), 13(2) और 7(c) शामिल हैं।
यह ईसीआईआर SEOIACB की एफआईआर संख्या 05/25 पर आधारित है, जिसमें ‘हमर लैब’ योजना के अंतर्गत 182/EQP/CGMSCL/2022-23 टेंडर घोटाले का ज़िक्र है। एफआईआर में मोक्शित कॉर्प, सीबी कॉर्पोरेशन, रिकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकूला), श्री शारदा इंडस्ट्रीज और सीजीएमएससी व स्वास्थ्य संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों को सह–अभियुक्त बनाया गया है।
मोक्शित द्वारा आपूर्ति की गई ईडीटीए ट्यूब ₹2,352 प्रति यूनिट में खरीदी गईं, जबकि इनकी बाज़ार कीमत मात्र ₹8.50 थी। इसी तरह ₹5 लाख की CBC मशीनें ₹17 लाख में खरीदी गईं। बिना किसी उत्पादन सुविधा के मोक्शित को अनुबंध मिलना घोटाले के पीछे की प्रशासनिक मिलीभगत का संकेत देता है।
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