
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौ सेवकों पर झूठे मामले दर्ज करने के आरोप महाराष्ट्र की पुलिस पर लगाते हुए हिंदूवादी संगठन आंदोलन की तैयारी मैं जुट गई है. बता दे की एक बार फिर हिंदूवादी भगवा और साधु संत ने आंदोलन छेड़नी की तैयारी कर ली है वीडियो के आधार में माना जा रहा है की छत्तीसगढ़ की गौ सेवक टीम पिछले माह की 23/24 तारीख को सूचना मिली कि गया से बड़ी ट्रक बिलासपुर रायपुर होते हुए राजनांदगांव के रास्ते बूचड़खाने की ओर जा रही है तत्काल ही गैस सेवक सक्रिय हो गए एक दूसरे से फोन संपर्क करते बिलासपुर बालोद बेरला रायपुर सहित।

अन्य गौ सेवक उक्त वाहन का पीछा करते-करते राजनांदगांव के रास्ते महाराष्ट्र बॉर्डर चीचगढ़ पहुंच गए जहां दो वाहनों में तस्करों के द्वारा गो तस्करी किया जा रहा था गौ रक्षों में तत्काल गायों को गाड़ी से उतार दिया यह सब देखते-देखते तस्करों और गौ रक्षों में आपस में भिड़ंत हो गया गौ रक्षों की माने तो तस्कर ने अपनी गाड़ी अपने जगह पर रोक थी जो एक तस्करों का मुख्य अड्डा है जिसके वजह से वहां पर तस्करों की संख्या बहुत अधिक थी विवाद स्थिति देख गौ रक्षों ने पुलिस से मदद मांगी महाराष्ट्र पुलिस ने नक्सलाइट एरिया का हवाला देते हुए रात में आने से मना कर दिया जिससे गौ रक्षक वहां से वापस आ गए दूसरे दिन सुबह चीजगढ़ थाना गोंदिया जिला के पुलिस ने तस्करों के आवेदन पर छत्तीसगढ़ के गौ रक्षों के खिलाफ फिर गैर जमानती धाराओं पर ले ली तीन लोगों के नाम पर फिर लिया गया जिसमें से एक व्यक्ति तो उड़ीसा में उपस्थित था 26 तारीख को 7 लोगों को महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा जिन्हें 5 तारीख तक रिमांड पर रखा गया ।
गौ रक्षों का कहना है कि तस्करों के द्वारा झूठा मामला बनवाकर गौ रक्षों की दबाने की कोशिश की जा रही है जो लोग विशेष रूप से नेतृत्व करते हैं उनका नाम में नहीं होने के बाद भी जो लोग विवाद में नहीं भी थे उनसे वसूली की भी बात कही जा रही है इसकी शिकायत प्रदेश स्तर में सभी गै सेवक ने सरकार से मदद मांगी है ठाकुर राम सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस जानकारी से सभी को अवगत कराया इसके बाद से देश भर के साधु संत और हिंदू वादी लोग आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं देखते-देखते मामला प्रदेश से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में तुल पकड़ने लगा है हिंदूवादी लोग अमित शाह और नरेंद्र मोदी योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांग रहे हैं देखना यह है कि सरकार इस विषय में क्या कदम उठाती है।
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