अवैध मुरुम खनन पर प्रशासन की माफी? तहसीलदार की नरमी से उठे सवाल

Bilaspur बिलासपुर। बेलगहना तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत पंडरा–पथरा, पैनरा मोहल्ले में अवैध मुरुम खनन का मामला फिर से सुर्खियों में है। बुधवार की शाम नायब तहसीलदार द्वारा तीन–चार ट्रैक्टरों को अवैध खुदाई में पकड़े जाने की सूचना ने उम्मीदें जगाईं कि प्रशासन अब कड़ी कार्रवाई करेगा, लेकिन बाद में ट्रैक्टरों को छोड़ दिए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी फैल गई और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे।
स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में लंबे समय से मुरुम और रेत का अवैध उत्खनन जारी है। बुधवार को भी जेसीबी मशीन से मुरुम निकालकर ट्रैक्टरों में लोड किया जा रहा था। पत्रकार द्वारा सूचना मिलने के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन कार्रवाई केवल ट्रैक्टरों तक सीमित रही। जेसीबी मौके से गायब थी, जिससे ग्रामीणों ने सवाल उठाए कि क्या अधिकारियों ने मामले को हल्के में लिया।

ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व अधिकारी अक्सर “समझाइश” के नाम पर कार्रवाई को कम कर देते हैं, जिससे माफिया और बेखौफ होते जा रहे हैं। उनका कहना है कि अवैध मुरुम या रेत पर प्रशासन की यह नरमी न सिर्फ सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का भी भारी नुकसान हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका तर्क है कि जब तक राजस्व विभाग ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक क्षेत्र में अवैध खनन को रोक पाना असंभव है।
इस प्रकरण ने फिर से सवाल खड़ा किया है कि प्रशासन की मंशा क्या है—क्या यह केवल “समझाइश” देना है या कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करना?
नायब तहसीलदार बेलगहना ने सफाई दी है कि पकड़े गए ट्रैक्टर घरों के निर्माण कार्य के लिए मुरुम ले जा रहे थे। उनका दावा है कि अवैध उत्खनन की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे थे, लेकिन केवल चेतावनी देकर ट्रैक्टर चालकों को छोड़ दिया। हालांकि, जेसीबी से खुदाई के स्पष्ट सबूत मौजूद होने के बावजूद मशीनरी पर कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में नए सवाल उठ खड़े हुए हैं।
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