28 वर्षों बाद फिर गूंजे पुराने किस्से, रतनपुर शासकीय स्कूल में 96/97 बैच के छात्रों ने किया रीयूनियन एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन

रतनपुर।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतनपुर के वर्ष 1996-97 के विद्यार्थियों ने रविवार को विद्यालय प्रांगण में रीयूनियन एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन कर उस समय के शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। यह आयोजन न केवल भावुक करने वाला रहा, बल्कि शिक्षकों और छात्रों के बीच आत्मीय संबंधों की जीवंत तस्वीर भी प्रस्तुत करता रहा।
इस भव्य आयोजन में उस दौर में शिक्षा प्रदान करने वाले वरिष्ठ शिक्षकों सहित वर्तमान में पदस्थ शिक्षकों को भी ससम्मान आमंत्रित किया गया था। जैसे ही शिक्षक विद्यालय परिसर पहुंचे, उनका स्वागत पारंपरिक अंदाज में गुलाब जल छिड़क कर और पुष्पवर्षा के साथ किया गया। इसके पश्चात चंदन तिलक व बेंच अर्पण कर सभी शिक्षकों का औपचारिक सम्मान किया गया।
दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया, जिसमें शिक्षकों एवं आयोजक पूर्व छात्रों ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
परिचय सत्र ने जोड़े रिश्तों के पुराने तार
कार्यक्रम के पहले चरण में सभी पूर्व छात्रों ने मंच पर आकर अपना परिचय दिया और यह साझा किया कि 28 वर्षों बाद वे जीवन में कहां खड़े हैं और क्या कर रहे हैं। किसी ने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं, तो कोई शिक्षा और प्रशासन में अहम पदों पर कार्यरत है। यह क्षण न केवल शिक्षकों के लिए गर्व का विषय था, बल्कि छात्रों के लिए अपनी जड़ों से जुड़ने का भावनात्मक अनुभव भी रहा।
शिक्षकों के आशीर्वचनों में छलका गर्व और अपनापन
मुख्य अतिथि एवं पूर्व शिक्षक श्री संदीप चोपड़े अपने उद्बोधन में अत्यंत भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मैंने कई रीयूनियन कार्यक्रमों में भाग लिया है, लेकिन यह आयोजन अपने आप में अनूठा और अत्यंत गरिमामय है। 96/97 बैच के छात्रों की सफलता देखकर हर्ष हो रहा है कि वे समाज में अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।”
इसके अतिरिक्त गौरहा सर, राजेश सोनी सर, सत्येंद्र सिंह सर, नरेंद्र कश्यप सर, माधुरी मैडम एवं ममता क्षत्रिय मैंम ने भी अपने उद्बोधन में पुराने समय को याद करते हुए कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने अपने शिक्षण काल के संस्मरणों को साझा किया, जिससे माहौल पूरी तरह भावुक और आत्मीय हो गया।
मनोरंजन और सम्मान का अनूठा संगम
कार्यक्रम को और भी जीवंत बनाने के लिए शिक्षकों के बीच कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें सुश्री मंजू गुप्ता विजेता रहीं और गौरहा सर उपविजेता घोषित हुए।
इस दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए रेडियोलॉजिस्ट डॉ. ममता साहू, प्रोफेसर रश्मि पटेल और हकीम मोहम्मद को भी सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी कार्यक्रम को एक नया रंग दिया। संतोषी साहू द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, वहीं मंजू अग्रवाल एवं अनुरिता यादव ने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के समापन पर सभी आमंत्रित शिक्षकों को साल व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
बेहतर संचालन और सुव्यवस्थित समापन
कार्यक्रम का संचालन यासीन खान ने प्रभावशाली शैली में किया, वहीं अंत में रामशरण श्रीवास ने आभार प्रदर्शन कर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर 96/97 बैच के दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिनमें संगीता सचदेव, सुनील यादव, किरण गुप्ता, अनिल महावर, संतोष तिवारी बल्ली, मनीष यादव, हर्षदेव शर्मा, अमिता गुप्ता, चंद्र कुमार बैगा, कैलाश नागरची, नसीम बानो, सविता पटेल, घनश्याम दुबे, शत्रुघ्न कश्यप, द्वारिका साहू, राघवेंद्र देवांगन, ममता पटेल, राजलक्ष्मी गुप्ता एवं दुर्गा देवांगन जैसे नाम प्रमुख रहे।
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