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असामाजिक तत्वों की अब खैर नहीं! थानेदार बने ‘सिंघम’, बाइक पर सिविल ड्रेस में निकले गश्त पर, माहौल खराब करने वालों पर पैनी नजर,

थानेदार सबसे पहले उन्होंने अपने स्टाफ के विश्वसनीय और अनुभवी जवानों की एक टीम तैयार की, जिसे सिविल ड्रेस में इलाके में भेजा गया

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बिलासपुर।शहर में बढ़ रही असामाजिक गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए बिलासपुर पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर सभी थानों को क्षेत्र में गश्त और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी क्रम में सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में एक अनोखी और रणनीतिक कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिसने असामाजिक तत्वों में हड़कंप और आम जनता में राहत की भावना जगा दी है।

इलाका बना था असामाजिक गतिविधियों का गढ़

सिरगिट्टी थाना अंतर्गत आने वाले गणेश नगर, चुचुहियापारा बिहार, शांति नगर, जीनत बिहार और मरही माता मंदिर परिसर में देर शाम संदिग्ध युवकों की आवाजाही और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय रहवासियों और दुकानदारों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

थाना प्रभारी ने बनाई खास रणनीति

थाना प्रभारी रजनीश सिंह ने इस बार सिर्फ परंपरागत दबिश से हटकर, एक सोचीसमझी रणनीति के तहत कदम उठाया। सबसे पहले उन्होंने अपने स्टाफ के विश्वसनीय और अनुभवी जवानों की एक टीम तैयार की, जिसे सिविल ड्रेस में इलाके में भेजा गया। इन जवानों को सादी वेशभूषा में बिना किसी पुलिसिया पहचान के क्षेत्र में जाकर गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए।

खुद वर्दी पहनकर उतरे फील्ड में

जैसे ही सिविल टीम से इनपुट मिले, थाना प्रभारी रजनीश सिंह ने खुद वर्दी धारण की और बिना किसी लावलश्कर के एक बाइक पर सवार होकर सीधे मौके पर पहुंचे। आमतौर पर थानों में बैठकर निगरानी करने वाले अफसरों की छवि से उलट, उनका यह फील्ड एक्शन लोगों को चौंका गया।

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अचानक दबिश से मचा हड़कंप

थाना प्रभारी ने मौके पर मौजूद अपनी सिविल टीम से मुलाकात की और मंदिर परिसर के पास मंडरा रहे संदिग्ध युवकों को घेर लिया गया। कुछ युवकों से मौके पर ही पूछताछ की गई और उनकी गतिविधियों की जांच की गई। दबिश इस तरह दी गई कि किसी को भनक तक नहीं लगी और पुलिस की मुस्तैदी को देख इलाके में चर्चा का माहौल बन गया।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: “ऐसी पुलिसिंग से बढ़ा भरोसा

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय दुकानदारों और रहवासियों ने चैन की सांस ली। कई लोगों ने कहा कि अब उन्हें अपने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर थोड़ी राहत महसूस हो रही है। दुकानदारों ने बताया कि मंदिर परिसर में देर रात तक कुछ युवक बेवजह बैठते थे, जिससे माहौल खराब होता था। पुलिस की अचानक कार्रवाई ने उन पर बड़ा असर डाला है।

थाना प्रभारी का सख्त संदेश

थाना प्रभारी रजनीश सिंह ने कहा,

हमारा मकसद सिर्फ कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि लोगों को सुरक्षा का अहसास कराना है। चाहे वह मंदिर परिसर हो या कोई सार्वजनिक स्थल, माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस का नया अंदाज़: सख्ती के साथ रणनीति

इस पूरी कार्रवाई को पुलिस केनए अंदाजके रूप में देखा जा रहा है। बिना किसी पूर्व सूचना, गुप्त निगरानी और खुद अफसर के फील्ड में उतरने की शैली ने पुलिस की छवि को और अधिक मजबूत किया है। अब सवाल यह है किअगली बारी किसकी?” क्योंकि पुलिस की येसिंघम स्टाइलआगे भी जारी रहने वाली है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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