यात्रिगण कृपया ध्यान दें: तीन लाख ड्राइवरों ने छोड़ी स्टीयरिंग, राज्यभर में परिवहन व्यवस्था ठप

यात्रिगण कृपया ध्यान दें: तीन लाख ड्राइवरों ने छोड़ी स्टीयरिंग, राज्यभर में परिवहन व्यवस्था ठप – हाईवे पर जाम के हालात

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन चक्काजाम की घोषणा कर दी है। संगठन से जुड़े करीब तीन लाख से अधिक ड्राइवरों ने वाहन संचालन ठप कर दिया, जिसके कारण पूरे प्रदेश में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।
राज्य के विभिन्न जिलों में बस, ट्रक, टैक्सी और मालवाहक वाहन सड़कों से नदारद हैं। इससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया है और आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
महासंघ ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि 25 अक्टूबर तक मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई, तो हड़ताल की जाएगी। शासन-प्रशासन की चुप्पी के बाद अब ड्राइवरों ने स्टीयरिंग छोड़ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
ड्राइवरों का कहना है कि उनकी समस्याएं वर्षों से लंबित हैं, लेकिन सरकार सिर्फ आश्वासन देकर टालती रही है। अब वे अपने अधिकारों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं।
प्रदेश के कई हिस्सों में सैकड़ों ड्राइवर धरने पर बैठे हैं, वहीं कुछ स्थानों पर वाहन रोककर प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इससे माल परिवहन, यात्री बस सेवा और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह प्रभावित है।
ड्राइवर महासंघ की प्रमुख 10 मांगें:
1) . राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए।
– ड्राइवरों का कहना है कि शराब के कारण हादसे बढ़ते हैं और जिम्मेदारी उन पर थोप दी जाती है।
2) . हिट एंड रन कानून में संशोधन किया जाए।
3) . वेतन वृद्धि के साथ कार्य समय में कमी की जाए।
4) . दुर्घटना बीमा की राशि में बढ़ोतरी की जाए।
5) . हाईवे और चेकपोस्ट पर होने वाली अवैध वसूली पर रोक लगे।
6) . ईंधन पर ड्राइवरों को सब्सिडी दी जाए।
7) . लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।
8) . रोड टैक्स में राहत प्रदान की जाए।
9) . महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
10) . ड्राइवरों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए।
महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सरकार लिखित रूप में आश्वासन नहीं देती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष ड्राइवरों की सुरक्षा, सम्मान और हक की लड़ाई है, किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं।
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