दो करोड़ की योजना में मिट्टी से बना पुल! PMGSY में बड़ा घोटाला — अफसर चुप, ठेकेदार बेलगाम


कोटा, जिला बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर सवाल उठे हैं। न्यायधानी.कॉम की पड़ताल में सामने आया है कि बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में बगधरा सरगोड़ से गौरखुरी मार्ग पर लगभग 2 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से बन रहे पुल में मिट्टी और घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि सीमेंट की जगह मिट्टी, रेतीली रेत, और कमजोर नींव से यह निर्माण कार्य किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि निर्माण स्थल पर कोई विभागीय अधिकारी या PMGSY इंजीनियर मौजूद नहीं रहते।
पुल में घटिया सामग्री का खुला उपयोग

ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने न्यायधानी.कॉम को बताया कि जिस पुल में RCC और स्टील स्ट्रक्चर का प्रयोग होना चाहिए था, वहां मिट्टी-मसाला और रेत से काम चलाया जा रहा है।
सीमेंट का प्रतिशत कम और मिट्टी-युक्त रेत ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।
अभी से प्लास्टर झड़ने, दरारें दिखने, और पीलर कमजोर होने की स्थितियां नजर आने लगी हैं।
वॉटर बाइंडिंग और कंक्रीटिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
एक स्थानीय मिस्त्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “इस पुल में जितना खर्च बताया जा रहा है, वह असल में मैदान में नजर ही नहीं आ रहा।”
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुल निर्माण का काम चोरी-छिपे किया जा रहा है। इससे संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं ये सब कुछ प्रक्रिया और मानकों से छुपकर तो नहीं हो रहा?

कोई विभागीय सुपरविजन नहीं निर्माण सामग्री खुले में पड़ी रहती है
कार्यस्थल पर वर्क ऑर्डर बोर्ड या गुणवत्ता जांच प्रमाणपत्र तक नहीं लगे
“अगर निर्माण सही है, तो उसे दिन में क्यों नहीं किया जाता?” — स्थानीय युवक योगेश यादव
ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत — सवालों में घिरा विभाग
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ठेकेदार को यह काम अधिकारियों की मौन स्वीकृति और संरक्षण से मिला है।

विभागीय निरीक्षण अधिकारी नदारद PMGSY के तकनीकी मापदंडों की अनदेखी कोई गुणवत्ता जांच या ऑडिट नहीं
कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पूर्व में भी इसी ठेकेदार के कार्यों में गड़बड़ी हुई थी, लेकिन उसे हर बार बचा लिया गया। यह साफ संकेत देता है कि विभागीय संरक्षण के बिना इतनी बड़ी गड़बड़ी संभव नहीं है।
ग्रामीणों ने कोटा एसडीएम कार्यालय और लोक निर्माण विभाग को ज्ञापन देकर ये मांगे रखेंगे
ग्रामीणों की 5 प्रमुख मांगें प्रशासन से:

1. ✅ निर्माण कार्य की स्वतंत्र तकनीकी जांच कराई जाए (सरकारी या थर्ड पार्टी एजेंसी से)
2. ✅ ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए
3. ✅ संबंधित PMGSY इंजीनियर, उपअभियंता और निरीक्षण अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई हो
4. ✅ निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और मानक अनुसार पुनर्निर्माण कराया जाए
5. ✅ जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की उपस्थिति में नियमित निरीक्षण अनिवार्य किया जाए
प्रशासन चुप, ग्रामीण नाराज़

PMGSY की साख पर सवाल — दो करोड़ की मिट्टी?
यह प्रकरण केवल एक निर्माण कार्य की गड़बड़ी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जा रही योजना में भ्रष्टाचार का उदाहरण है। जब जिम्मेदार अफसर ही आंख मूंद लें, तो गांव तक सड़क नहीं, सिर्फ अफसोस पहुंचता है।”
अब तक न तो कोटा जनपद पंचायत और न ही बिलासपुर जिला प्रशासन की ओर से कोई जवाब या जांच की घोषणा सामने आई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और असंतोष बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में ग्रामीण संगठन आंदोलन और धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
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