
Bilaspur Highcourt News:– छत्तीसगढ़ के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय सेंदरी की बदहाल व्यवस्था पर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में शासन ने अदालत को बताया कि सोमवार को ही स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल का दौरा किया है। विस्तृत जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने एक सप्ताह की मोहलत दी और अगली सुनवाई अगले सप्ताह तय कर दी।
Bilaspur बिलासपुर। मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में डॉक्टरों की अनुपस्थिति, आवश्यक मशीनों की कमी, गंदगी और स्वच्छता की लापरवाही जैसे गंभीर मुद्दों पर हाईकोर्ट पहले ही नाराजगी जता चुका है। मंगलवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से बताया गया कि स्वास्थ्य सचिव और कोर्ट कमिश्नर एडवोकेट हिमांशु पांडे व एडवोकेट ऋषि राहुल सोनी ने अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कई गंभीर खामियां सामने आईं।

निरीक्षण में सामने आए तथ्य
• अल्ट्रासाउंड समेत कई जरूरी मशीनें अस्पताल में नहीं हैं, मरीजों को जांच के लिए सिम्स भेजना पड़ता है।
• डॉक्टर और स्टाफ रोजाना सिर्फ 1 से 1.5 घंटे ही मौजूद रहते हैं, जबकि ड्यूटी समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक का है।
• रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ कि कई डॉक्टर देर से आते हैं और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करते।
• अस्पताल का वाटर कूलर खराब है और स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब पाई गई।
कोर्ट की नाराजगी और निर्देश
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि केवल शपथपत्र से सुधार संभव नहीं है। इस बार भी कोर्ट ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि—
• अस्पताल में ही सभी जांच और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
• डॉक्टरों और स्टाफ की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
शासन का रुख
महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सेंदरी अस्पताल के सुधार के लिए शासन गंभीर है। डॉक्टरों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक अस्पताल का पुनः निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करें और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करें।
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