Bilaspur Highcourt News:–सूदखोरी केस में तोमर बंधुओं को हाईकोर्ट से बड़ी राहत,प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई पर लगी अस्थायी रोक,कोर्ट ने कहा – कानून से ऊपर नहीं कोई भी सत्ता!

Bilaspur Highcourt News:–
रायपुर के चर्चित तोमर बंधुओं को बिलासपुर हाईकोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। सूदखोरी के आरोपों और अवैध संपत्तियों के मामले में दर्ज अपराधों के बीच रायपुर प्रशासन द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशासन भी कानून से ऊपर नहीं है और इस प्रकार की कार्रवाई वैध प्रक्रिया के तहत ही की जानी चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने प्रशासन से जवाब भी तलब किया है।
बिलासपुर | बिलासपुर हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की एकलपीठ ने तोमर बंधुओं के उस आवेदन पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने प्रशासन द्वारा उनके मकान को ढहाने की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने इस कार्रवाई पर फिलहाल अंतरिम रोक लगा दी है और प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही, अगली सुनवाई की तिथि भी निर्धारित कर दी गई है।
हाईकोर्ट में रखी गई ये दलीलें:
तोमर बंधुओं की ओर से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता सजल गुप्ता ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि प्रशासन ने बिना किसी वैधानिक सूचना, न्यायिक आदेश या उचित कानूनी प्रक्रिया के मकान तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी, जो कि प्राकृतिक न्याय और संविधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।
क्या है पूरा मामला:
तोमर बंधु, रायपुर के निवासी हैं, जिन पर लंबे समय से सूदखोरी का अवैध कारोबार संचालित करने का आरोप है। प्रशासन का दावा है कि उन्होंने इस अवैध धंधे से कई संपत्तियां अर्जित की हैं। इसी के तहत रायपुर जिला प्रशासन ने उनके चल–अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की थी।
बीते रविवार को उनके निवास परिसर में मौजूद सूदखोरी कार्यालय को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ढहा दिया। प्रशासन का कहना है कि यह संपत्ति अवैध आय से अर्जित की गई थी और उसे नष्ट करना कानून सम्मत है।
कोर्ट की टिप्पणी – “प्रशासन कानून से ऊपर नहीं”
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी कार्यवाही यदि बिना उचित प्रक्रिया और कानूनी आदेश के की जाती है, तो वह प्रशासनिक मनमानी मानी जाएगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, और इस तरह की कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर ही होनी चाहिए।
फिलहाल राहत, फैसला अगली सुनवाई के बाद:
हाईकोर्ट ने तोमर बंधुओं के मकान को तोड़ने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन यह अंतरिम राहत है। अदालत ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह अपना पक्ष प्रस्तुत करे, जिसके आधार पर अगली सुनवाई में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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